Donkey Theft: हनुमानगढ़, Donkey Theft: हनुमानगढ़ जिले की खुईयां पुलिस एक अजीब मामले में उलझी हुई है। दरअसल, खुईयां थाना क्षेत्र से पिछले कुछ दिनों से लगातार गधे चोरी हो रहे हैं और अब पुलिस की टीमें गांव-गांव गधों को ढूंढती फिर रही है मगर ना तो वांछित गधे मिल रहे हैं और ना ही […]
हनुमानगढ़, Donkey Theft: हनुमानगढ़ जिले की खुईयां पुलिस एक अजीब मामले में उलझी हुई है। दरअसल, खुईयां थाना क्षेत्र से पिछले कुछ दिनों से लगातार गधे चोरी हो रहे हैं और अब पुलिस की टीमें गांव-गांव गधों को ढूंढती फिर रही है मगर ना तो वांछित गधे मिल रहे हैं और ना ही गधा चोर।
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से खुईयां थाना क्षेत्र के कई गांवों से लगातार गधे चोरी हो रहे हैं जिसकी शिकायत गधा मालिकों ने खुईयां पुलिस को दी मगर गधे नहीं मिले तो 28 दिसम्बर को ग्रामीणों ने खुईयां थाना का घेराव किया ।
इस पर पुलिस ने आनन-फानन में 15 गधे ढूंढे मगर गधा मालिकों ने जब गधों को नाम लेकर पुकारा और किसी भी गधे ने प्रतिक्रिया नहीं दी तो गधा मालिकों ने यह कहकर गधे लेने से मना कर दिया कि ये उनके गधे नहीं हैं और उनको तो उनके गधे ही चाहिए। ऐसे में पुलिस को उन 15 गधों को छोडना पड़ा और टीम गठित कर फिर से गांवों में गधों की तलाश शुरू करवाई मगर अब तक ना तो वांछित गधे ही मिल रहे हैं और ना ही गधा चोर। इसके लिए पुलिस गांवों में मंदिरों से प्रचार भी करवा रही है कि अगर ग्रामीणों को कहीं गधे दिखाई दें तो वे पुलिस को सूचना दें।वहीं पुलिसकर्मी भी गधों की तलाश में गांवों की खाक छान रहे हैं।
इस मामले में गधा मालिकों का कहना है कि एक गधे की कीमत 20 हजार रूपये है और अब तक 70 से ज्यादा गधे चोरी हो चुके हैं वहीं थानाधिकारी विजेन्द्र शर्मा का कहना है कि करीब 22 गधे ही चोरी हुए हैं। गधा मालिकों के अनुसार गधे उनकी आजीविका का साधन है और वे चारवाहों के रूप में गधों का इस्तेमाल सामान ढ़ोने के लिए करते हैं और उनके अपने गधे ही उनकी भाषा समझते हैं इसलिए ना तो वे दूसरे गधे ले सकते हैं और ना ही बिना गधों के उनका काम चल सकता है। इस अजीब प्रकरण में माकपा नेता मंगेच चौधरी का कहना है कि उन्होने 28 दिसम्बर को धरना दिय था और पुलिस ने 15 दिन का समय मांगा था और अगर 15 दिन में गधे नहीं मिले तो वे फिर से आंदोलन करेंगे।
गधे चोरी का यह मामला ना केवल खुईयां पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है बल्कि आमजन में चर्चा का विषय भी बना हुआ है। पुलिस की परेशानी यह है कि उन्होने 15 गधे पकड़े तो गधा मालिकों ने गधों को नाम से पुकारा और फिर अपने गधे ना बताते हुए गधे लेने से इंकार कर दिया ऐेसे में पुलिस अब और गधों को पकड़ कर लाती भी है तो हो सकता है कि गधा मालिक फिर से यह कह दें कि ये उनके गधे नहीं हैं ऐसे में पुलिस के लिए गधे चोर ढूंढने से बड़ी मुश्किल वो ही गधे ढूंढना है जिसको गधा मालिक अपने गधे बताकर स्वीकार कर लें।