Advertisement
  • होम
  • दुनिया
  • Russia-Ukraine: नाटो से जंग को तैयार रूस ने यूक्रेन बार्डर पर तैनात किया एस-500

Russia-Ukraine: नाटो से जंग को तैयार रूस ने यूक्रेन बार्डर पर तैनात किया एस-500

Russia-Ukraine: नई दिल्ली. Russia-Ukraine: रूस और यूक्रेन की सीमा पर चल रहा सैन्य गतिरोध खत्म होने का नाम नही ले रहा है. अपने संयुक्त सोवियत के एजेंडे पर काम कर रहे रूस ने यूक्रेन की सीमा पर अपना अत्याधुनिक एंटी मिसाइल सिस्टम एस-500 तैनात कर दिया है. जिससे रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अपने […]

Advertisement
Russia-Ukraine
  • December 29, 2021 10:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

Russia-Ukraine:

नई दिल्ली. Russia-Ukraine: रूस और यूक्रेन की सीमा पर चल रहा सैन्य गतिरोध खत्म होने का नाम नही ले रहा है. अपने संयुक्त सोवियत के एजेंडे पर काम कर रहे रूस ने यूक्रेन की सीमा पर अपना अत्याधुनिक एंटी मिसाइल सिस्टम एस-500 तैनात कर दिया है. जिससे रूस और यूक्रेन के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है. क्रेमलीन द्वारा उठाए गए इस आक्रमक फैसले को सीधे तौर पर नाटो गठबंधन को दी गई चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है. इससे पहले रूस ने अमेरिका समेत सभी नाटो सदस्य राष्ट्रो को यूक्रेन विवाद से दूर रहने और यूक्रेन को नाटो का सदस्य न बनाने को कहा था. इस पर अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन और रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बात भी हुई थी लेकिन दोनों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. नये साल में रूस यूक्रेन पर हमला कर सकता है.

क्या है यूक्रेन-रूस विवाद

पूर्वी यूरोप में स्थित यूक्रेन एक लोकतांत्रिक देश है. अपनी आजादी से पहले ये देश अविभाजित सोवियत संघ का हिस्सा हुआ करता था. 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन का एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में जन्म हुआ. अलग देश बनने के बाद से ही यूक्रेन का रूस के साथ संबंध तनाव भरा रहने लगा जिसकी वजह उसका आपसी सीमा विवाद और अमेरिका के प्रति झुकाव था. इसी विवाद के कारण 2014 में दोनों देशों के बीच एक युद्ध भी हो चुका है.जिसमें रूस ने यूक्रेन के एक भाग क्रीमिया पर जरदस्ती कब्जा भी कर लिया था जो अभी भी उसके कब्जे में है.

नाटो से चिढ़ता है रूस

नाटो 30 देशों का एक सैन्य गठबंधन है. इसकी स्थापना अमेरिका के नेतृत्व में 12 देशों ने मिलकर 1949 में की थी. इसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सोवियत संघ से उभरे संभावित खतरे से निपटना था. नाटो गठबंधन सामूहिक रक्षा के सिद्धांत पर काम करता है.जिसमें किसी एक देश पर हमला सभी सदस्य देशों पर हमला माना जाता है. रूस से अलग होने के बाद यूक्रेन नाटो का सदस्य बनना चाहता है और इसके लिए नाटो देश तैयार हैं लेकिन रुस नहीं चाहता है कि यूक्रेन इस सैन्य गठबंधन का हिस्सा बने और पश्चिमी देशों को उसके दरवाजे पर दस्तक देने का मौका मिले.

यह भी पढ़ें:

Petrol-Diesel price in Jharkhand: ‘झारखंड में सस्ता हुआ पेट्रोल-डीज़ल, मुख्यमंत्री ने किया ऐलान

Amit Shah in Gujrat : अमित शाह अपने संसदीय क्षेत्र को देंगे 49 करोड़ की सौगात

Advertisement