लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में पहली बार लव जिहाद् (love-jihad) मामले में आरोपी को सजा सुनाई गई। कानपुर जिला कोर्ट ने लव जिहाद केस पर सुनवाई करते हुए आरोपी को 10 साल की सजा के साथ 30 हजार का जुर्माना लगाया गया। जुर्माने में मिले पैसे में से 20 हजार रुपए पीड़िता को […]
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में पहली बार लव जिहाद् (love-jihad) मामले में आरोपी को सजा सुनाई गई। कानपुर जिला कोर्ट ने लव जिहाद केस पर सुनवाई करते हुए आरोपी को 10 साल की सजा के साथ 30 हजार का जुर्माना लगाया गया। जुर्माने में मिले पैसे में से 20 हजार रुपए पीड़िता को देने का कोर्ट ने फैसला सुनाया। अपर जिला जज पवन श्रीवास्तव ने आरोपी के खिलाफ अपना फैसला सुनाया है।
वहीं डीजीसी दिलीप कुमार अवस्थी ने दावा किया है कि यह पहली बार है जब लव जिहाद मामले में किसी आरोपी को सजा मिली है। डीजीसी दिलीप ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता से अपना धर्म छुपा कर उससे शादी की। पीड़िता ने आरोप लगया कि जावेद उर्फ मुन्ना ने उसके साथ बलात्कार किया।
बता दें कि यह मामला साल 2017, 15 मई का है। जूही थाना के पास एक कच्ची बस्ती में युवती रहती है। वहां पर एक जावेद नाम के लड़के नें खुद को हिंदू और अपना नाम मुन्ना बताया। बाद में युवती के साथ दोस्ती की और कुछ दिन बाद दोस्ती प्यार में बदल गई। फिर दोनों ने साथ रहने का फैसला किया और युवक युवती को अपने साथ भगा ले गया।
लड़की जब देर रात घर नहीं आई तो मां ने बेटी के लापता होने की शिकायत जूही थाने में जाकर दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने अगली ही सुबह दोनों को खोज निकाला। पुलिस ने युवक को अरेस्ट कर युवती को उसके घरवालों को सौंप दिया। युवती की मां ने पॉक्सो एक्ट समेत रेप की धाराओं में केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था।
वहीं पीड़ित यवती ने पुलिस को बताया कि जावेद ने खुद को हिंदू बताकर मुझसे दोस्ती की थी। इसके बाद मुझसे शादी करने के लिए मुझे अपने साथ भगा ले गया। जब युवक मुझे अपने घर ले गया तो मेरी पैरों तले जमीन खिसक गई तब मुझे उसके मुसलमान होने पता चला युवक मैंरे ऊपर धर्म बदलने का दबाव बनाकर मुझसे निकाह करना चाहता था, लेकिन मैंने साफ इंकार कर दिया।