Muslim leaders on Marriage age Controversy नई दिल्ली. Muslim leaders on Girls Marriage age: केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लड़कियों की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब उसे संसद में पेश किया जाएगा. लेकिन उससे पहले ही उम्र घटाने को लेकर विवाद होने लगा है. समाजवादी पार्टी […]
नई दिल्ली. Muslim leaders on Girls Marriage age: केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लड़कियों की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब उसे संसद में पेश किया जाएगा. लेकिन उससे पहले ही उम्र घटाने को लेकर विवाद होने लगा है. समाजवादी पार्टी के नेता शफीकुर्रहमान बर्क, एसटी हसन ने कहा है कि इससे लड़कियों में आवारगी बढ़ेगी. मुस्लिम धर्म गुरुओं ने भी इस पर एतराज जताया है. देवबंदी उलमा मुफ्ती असद कासमी और झारखंड के मंत्री हफीजुल अंसारी और सपा नेता अबु आजमी भी विरोध में आकर खड़े हो गये हैं.
सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने आपत्तिजनक टिप्पणी कर कहा – इससे आवारगी का मौका मिलेगा. आगे उन्होंने कहा कि लड़कियों के लिए 18 साल की उम्र काफी थी. 21 साल की उम्र करना सही नहीं है. वे ससुराल जाकर भी पढ़ सकती थीं.
वो आगे बोले- ‘मुल्क का माहौल ठीक नहीं है, उससे बच जाएंगी. आप देख रहे हैं कि हालात कितने बुरे हैं. हमें अपनी बेटियों का खयाल रखना होता है की कहीं उसके साथ कुछ गलत ना हो जाए.
मैं इस कानून का विरोध करता हूं. देश का हर गरीब चाहता है कि हमारी बेटी की जल्दी शादी हो जाए और वो अपने घर चले जाए. बर्क ने ये भी कहा कि लड़कियां अपने ससुराल जा कर भी पढ़ाई कर सकती है. ससुराल वाले उन्हें पढ़ाई के लिए मना थोड़े ही करेंगे. मुरादाबाद से सपा के दूसरे सांसद हैं एसटी हसन उन्होंने भी बर्क का समर्थन किया है और एक कदम आगे जाकर 16 साल में ही लड़कियों की शादी करने की वकालत की है.
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबु आजमी ने भी इसका विरोध किया है. उन्होंने कहा था कि जिस तरह किसी के मरने के बाद तुरंत उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है, उसी तरह लड़की के बालिग होने पर भी जल्द से जल्द उसकी शादी कर दी जानी चाहिए. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है. इसे छिपाने के लिए ही ये सब किया जा रहा है. झारखंड के मंत्री हफीजुल अंसारी ने कहा कि लड़कियों की विवाह की उम्र 18 से ज्यादा किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए. हालांकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी के सांसदों के बयान को निजी राय बताकर पल्ला झाड़ लिया है.