केरल: स्कूल में छात्र-छात्राओं के एक जैसा ड्रेस से नाखुश, मुस्लिम संगठन ने किया विरोध

केरल:  School Dress केरल के बालूसेरी गवर्नमेंट गर्ल्स हाईयर सेकंडरी स्कूल में कल छात्र-छात्राओं के लिए युनिसेक्स यूनिफॉर्म व्यवस्था लागू किया गया. राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने इसको एक क्रांतिकारी कदम बताया है. इस कदम से मुस्लिम समुदाय का एक वर्ग नाखुश है और इस फैसले का विरोध कर रहे है. छात्र-छात्राओं का […]

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केरल: स्कूल में छात्र-छात्राओं के एक जैसा ड्रेस से नाखुश, मुस्लिम संगठन ने किया विरोध

Aanchal Pandey

  • December 16, 2021 3:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

केरल:  School Dress केरल के बालूसेरी गवर्नमेंट गर्ल्स हाईयर सेकंडरी स्कूल में कल छात्र-छात्राओं के लिए युनिसेक्स यूनिफॉर्म व्यवस्था लागू किया गया. राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने इसको एक क्रांतिकारी कदम बताया है. इस कदम से मुस्लिम समुदाय का एक वर्ग नाखुश है और इस फैसले का विरोध कर रहे है. छात्र-छात्राओं का आरोप है कि कि वाम मोर्चा सरकार स्कूली बच्चों पर मॉर्डन ड्रेस को जबरन थोप रही है.

बालूसेरी के गवर्नमेंट हाईयर सेकंडरी स्कूल ने बुधवार से लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए एक यूनिसेक्स ड्रेस यानी पैंट और शर्ट को लागू कर दिया. बुधवार को कोझीकोड जिले के बालूसेरी में मुस्लिम कॉर्डिनेशन कमेटी के नेतृत्व में एक विरोध रैली निकाली गयी. राज्य की उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू ने इसका उद्घाटन किया. इस नई पहल को महिला संगठनों ने

सराहना करते हुए छात्र-छात्राओं ने खुशी से किया इस फैसले का स्वागत

बिंदू ने कहा कि जो लोग इस तरह के कदमों का विरोध करते हैं वे केरल और आने वाली पीढ़ियों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं. बिंदू ने कहा, ‘ऐसे समय में दुनिया लैंगिक न्याय और समानता के युग की शुरुआत कर रही है, बालूसेरी सरकारी बालिका स्कूल ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है. मुझे खुशी है कि स्कूल की नई यूनिसेक्स यूनिफॉर्म का आधिकारिक उद्घाटन करने का मौका मिला है, जिसका छात्रों ने खुशी से इसका स्वागत किया है.’

मुस्लिम संगठन नाखुश

इस फैसले से नाखुश मुस्लिम कॉर्डिनेशन कमेटी के एक वर्ग के लोगों ने नई यूनिसेक्स यूनिफॉर्म के खिलाफ स्कूल तक एक विरोध मार्च निकाला और कहा कि यह फैसला महिलाओं के नैतिक आचरण और व्यवहार को अपमानित करने वाला है और यह छात्रों के बीच ‘उदार विचारधारा को लागू करने’ का हिस्सा है. उन्होंने इस फैसले को अलोकतांत्रिक बताया और लोगों के कुछ भी पहनने के अधिकार को मर्यादा का उल्लंघन करने का बताया.

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि ऐसे लोग केरल और हमारी आने वाली पीढ़ियों के हितों की रक्षा नहीं कर रहे हैं. जो लोग बच्चों से प्यार करते हैं वे इस फैसले का कभी विरोध नहीं करेंगे. जो लोग बच्चों से प्यार करते हैं वे हमारी जलवायु के अनुसार कपड़ों और बच्चों की आजादी का समर्थन करेंगे.

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