नई दिल्ली. पाकिस्तान में एक कथित वायरल ऑडियो टेप ने सियासत में भूचाल ला दिया है। कुछ सेकेंड के इस ऑडियो टेप में जो खुलासा हुआ है वह इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। दरअसल, इस टेप में बताया गया है कि तीन साल पहले इमरान खान को सत्ता में लाने में फौज का […]
नई दिल्ली. पाकिस्तान में एक कथित वायरल ऑडियो टेप ने सियासत में भूचाल ला दिया है। कुछ सेकेंड के इस ऑडियो टेप में जो खुलासा हुआ है वह इमरान खान की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। दरअसल, इस टेप में बताया गया है कि तीन साल पहले इमरान खान को सत्ता में लाने में फौज का हाथ था।
इमरान खान को न ही इतने वोट मिले थे कि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार बना पाती। वायरल ऑडियो टेप में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस साकिब निसार किसी अनजान शख्स से बात कर रहे हैं कि उनपर उस समय के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज को सजा देने का दबाव था, ताकि इमरान खान को सत्ता में लाया जा सके।
बाद में पनामा पेपर्स लीक और अन्य मामलों में नवाज को 10 साल की सजा सुनाई गई जबकि बेटी मरियम को 8 साल की सजा सुनाई गई। उसे जेल भेज दिया गया। इसके बाद से नवाज इलाज के लिए लंदन गए और अभी तक वापस नहीं लौटे हैं। मैरी ने सजा के खिलाफ अपील की। हालांकि मामला विचाराधीन है।
टेप में जस्टिस निसार सामने वाले से कहते हैं कि मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि दुर्भाग्य से हमारे पास ऐसे इदार (विभाग और यहां मतलब शक्तिशाली सेना) हैं जो जजों को फरमान जारी करते हैं। अब वे कह रहे हैं कि मियां साहब (नवाज शरीफ) को सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि हमें खान साहब (इमरान खान) को लाना है। सामने वाला कहता है- नवाज शरीफ को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन बेटी को सजा नहीं होनी चाहिए। इस पर जस्टिस निसार कहते हैं- हां, इससे न्यायपालिका पर भी सवाल उठेंगे.
वहीं हैरान करने वाली बात यह है कि पत्रकार अहमद नूरानी की इस रिपोर्ट के बाद ही बुधवार की देर शाम लाहौर में उनकी पत्नी पत्रकार अंबरीन फातिमा पर हमला कर दिया गया. वह भी तब जब वह अपने छोटे बच्चों और बहन के साथ कार से कहीं जा रही थी। हमलावर ने कार का शीशा तोड़ दिया और जान से मारने की धमकी दी। वहीं कांच के टुकड़ों के कारण अंबरीन भी घायल हो गई, लेकिन किसी तरह वह बच्चों को बचा सकी।
इस टेप को जारी करने से पहले पत्रकार अहमद नूरानी ने अमेरिका में इसकी फोरेंसिक जांच कराई, ताकि बाद में कोई यह आरोप न लगा सके कि यह टेप जाली है। खास बात यह है कि टेप सामने आने के बाद जस्टिस निसार ने खुद माना था कि टेप में आवाज उनकी ही है. हालांकि सफाई में कहा गया कि इसमें कुछ पुराने पीस जोड़े गए हैं। वहीं दूसरी ओर ‘द डॉन’ अखबार से बातचीत में अमेरिकी फोरेंसिक कंपनी ने भी मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि यह टेप पूरी तरह से ओरिजिनल है और इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. हालांकि अहमद नूरानी की पत्नी पर हुए हमले से साफ है कि इस टेप ने पाकिस्तान की राजनीति में भूचाल ला दिया है और पाकिस्तानी एजेंसियां पत्रकारों की आवाज को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा रही हैं.