नई दिल्ली. Delhi Pollution दिल्ली में आज भी प्रदूषण का स्तर गंभीर बना हुआ है. आज दिल्ली में AQI करीब 380 के आस-पास है. पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में प्रदूषण से लोगों को स्वास्थ समस्याएं हो रही है. बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसपर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट […]
नई दिल्ली. Delhi Pollution दिल्ली में आज भी प्रदूषण का स्तर गंभीर बना हुआ है. आज दिल्ली में AQI करीब 380 के आस-पास है. पिछले एक हफ्ते से दिल्ली में प्रदूषण से लोगों को स्वास्थ समस्याएं हो रही है. बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसपर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आपात्कालीन बैठक करने के आदेश दिए थे. इस संदर्भ में आज फिर कोर्ट में सुनवाई हुए और कोर्ट ने प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कई अहम फैसले लिए है. अब अगली सुनवाई कल यानि बुधवार को होनी है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल रॉय ने बताया कि दिल्ली में निर्माण कार्यो पर 21 नवंबर तक प्रतिबंध लगाया गया है, साथ ही सभी सरकारी विभागों को 100 फीसदी वर्क फ्रॉम होम के आदेश दिए है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि दिल्ली में बाहर से आने वाले सभी प्रकार के कमर्शियल वाहनों पर रोक रहेगी, सिर्फ जरुरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को इस दौरान इज़ाज़त रहेगी। गोपाल रॉय ने बताया कि दिल्ली में सड़को पर जल्द 1000 नई CNG बसें चेलंगी। दिल्ली पुलिस को डीज़ल और पुराने वाहनों की लिस्ट सौपी गई है और इसपर तुरंत करवाई करने के आदेश दिए है. DDMA ने दिल्ली मेट्रो और बसों में यात्रियों के खड़े होकर यात्रा करने के लिए आदेश मागे है. आपको बता दें इससे पहले भी दिल्ली सरकार ने बिना प्रदूषण सर्टिफिकेट के चल रहे वाहनों की चेकिंग के लिए विशेष टीम का गठन किया था, जिन्हे हर फिलिंग स्टेशन के बाहर तैनात किया गया था. इस सब के बावजूद भी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है.
दिल्ली में गैस के अलावा अन्य चीजों से चलने वाली सभी इंडस्ट्रीज को पूर्ण रूप से बैन किया गया है. गोपाल रॉय ने बताया कि दिल्ली में कुल 372 वाटर टैंकर छिड़काव कर रहे है, साथ ही फायर ब्रिगेड की वाहनों को भी इस्तेमाल में लाया जा रहा है. दिल्ली में ट्रैफिक कन्जेक्शनको सुचारु रूप से चलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस को आदेश दिए गए है.
बढ़ते प्रदूषण पर राजनीति भी तेज
बढ़ते प्रदूषण पर राजनीति भी तेज हो गई है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल रॉय ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ पैसे देने से समाधान नहीं होगा। बल्कि केंद्र को राज्यों को डायरेक्शन देने की जरूरत है। केंद्र सरकार को जिम्मेदारी लेकर अन्य राज्यों में छिड़काव क्यों नही करवाती है? उन्होंने कहा, हम ग्राउंड लेवल पर काम करते है, तो केंद्र सरकार को बेचैनी होती है.