नई दिल्ली. देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कार ( Padma Awards ) अब किसी बड़ी हस्ती का मोहताज़ नहीं रह गया है, यह पुरस्कार अब आम लोगों के लिए भी हैं. इसी क्रम में कर्नाटक की मंजम्मा जोगति को कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनके अभूतपर्व योगदान के लिए पद्म […]
नई दिल्ली. देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म पुरस्कार ( Padma Awards ) अब किसी बड़ी हस्ती का मोहताज़ नहीं रह गया है, यह पुरस्कार अब आम लोगों के लिए भी हैं. इसी क्रम में कर्नाटक की मंजम्मा जोगति को कला और संस्कृति के क्षेत्र में उनके अभूतपर्व योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया. मंजम्मा ने सालों तक आर्थिक तंगी का सामना किया है, बहुत ही मुश्किलों से मंजम्मा ने कला जगत में अपनी पहचान बनाई है.
मंजम्मा जोगाठी का असली नाम मंजुनाथ शेट्टी है, जो उन्हें उनके माता-पिता ने दिया था. लेकिन जब वे बड़ी हुई तब उन्हें एहसास हुआ कि उनके अंदर एक औरत छिपी है, इसके बाद मंजम्मा एक ट्रांसजेंडर कम्युनिटी से जुड़ीं. मंजम्मा को शुरू से ही कला में रूचि थी, मंजम्मा की फिल्म ‘जोगवा’ साल 2009 में रिलीज़ हुई, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया. सिर्फ सिनेमा ही नहीं, मंजम्मा लोक गायिका और नृतिका भी रह चुकी हैं.
#WATCH | Transgender folk dancer of Jogamma heritage and the first transwoman President of Karnataka Janapada Academy, Matha B Manjamma Jogati receives the Padma Shri award from President Ram Nath Kovind. pic.twitter.com/SNzp9aFkre
— ANI (@ANI) November 9, 2021
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक पद्म श्री से सम्मानित होने वाली मंजम्मा जोगति यह सम्मान पाने वाली दूसरी ट्रांसजेंडर हैं, इन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया. इस दौरान मंजम्मा ने बड़े ही अनोखे अंदाज़ में अभिवादन किया. उन्होंने राष्ट्रपति की बलाएं ली. राष्ट्रपति ने भी उनके इस अनोखे अंदाज़ का स्वागत किया.
मंजम्मा को पद्म श्री से सम्मानित किए जाने के बाद से ही सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे हैं. लोगों का कहना है कि मंजम्मा को पद्म श्री देकर सरकार ट्रांस्जेंडर्स में अपनी पहुँच बढ़ाना चाह रही है, ये उनकी वोट बैंक की राजनीति के तहत किया गया है.
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