Lakhbir Singh Murder Case : लखबीर सिंह की हत्या के बाद सिंघु बॉर्डर खाली करवाने की मांग को लेकर SC में सुनवाई जल्द

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते 10 महीनो से कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन चल रहा है, बीते 10 महीनो से किसान सिंघु बॉर्डर और गाज़ीपुर बॉर्डर पर डटे हैं. ऐसे में, सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को एक दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या ( Lakhbir Singh Murder Case ) कर […]

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Lakhbir Singh Murder Case : लखबीर सिंह की हत्या के बाद सिंघु बॉर्डर खाली करवाने की मांग को लेकर SC में सुनवाई जल्द

Aanchal Pandey

  • October 17, 2021 5:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते 10 महीनो से कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन चल रहा है, बीते 10 महीनो से किसान सिंघु बॉर्डर और गाज़ीपुर बॉर्डर पर डटे हैं. ऐसे में, सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार को एक दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या ( Lakhbir Singh Murder Case ) कर दी गई. यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच गया है. दायर की गई याचिका में सिंघु बॉर्डर को खाली करवाने की मांग की गई है.

जल्द होगी सुनवाई

शुक्रवार को सिंघु बॉर्डर पर एक दलित युवक की बर्बर हत्या कर दी गई, इस हत्या ने बहुत जल्द ही तूल पकड़ लिया था. इस मामले में वकील शशांक शेखर झा ने सुप्रीम कोर्ट में सिंघु बॉर्डर जल्द खोलने की मांग करते हुए लंबित याचिका की सुनवाई करने की अपील की है. बता दें इस मामले में 4 हत्यारोपितों को गिरफ्तार किया जा चूका है.

मामले पर वकील शशांक शेखर झा ने क्या कहा

लखबीर सिंह की हत्या पर वकील शशांक शेखर झा ने कहा कि “मैंने स्वाती गोयल शर्मा और संजीव नेवर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में मार्च, 2021 से लंबित है. कई कोशिशों के बाद अब भी मामले की सुनवाई नहीं हुई है. हमने सिंघु बॉर्डर पर दलित युवक की हत्या के बाद मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है. हमें उम्मीद है की इस मामले की सुनवाई जल्द ही होगी.”

सुप्रीम कोर्ट बॉर्डर खाली करने को पहले भी लगा चूका है फटकार

लखबीर सिंह की हत्या के बाद ग़ाज़ीपुर और सिंघु बॉर्डर खुलवाने की मांग और बढ़ गई है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की जा चुकी है. बता दें इससे पहले भी ऐसी ही एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट किसानों को फटकार लगा चूका है. कोर्ट ने कहा था कि ‘आप ट्रेनें रोक रहे हैं, हाइवे बंद कर रहे हैं. क्या शहरी लोग अपना बिजनेस बंद कर दें. क्या ये लोग शहर में आपके धरने से खुश होंगे?  सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा था कि आपने पूरे शहर को अवरुद्ध कर रखा है, और अब आप शहर के भीतर आकर प्रदर्शन करना चाहते हैं. आप कृषि कानूनों के खिलाफ कोर्ट पहुंचे हैं, इसका मतलब है कि आपको कोर्ट पर भरोसा है. फिर विरोध प्रदर्शन की क्या जरूरत?’

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