नई दिल्ली. Delhi Pollution : अर्थव्यवस्था को बेहतर स्थिति में लाने के लिए और लगातार देश को विकास के पथ पर बढ़ाने के लिए कई उद्योग धंधे और ट्रांसपोर्ट कार्यरत हैं. ऐसे में स्थिति यह है कि देश भर में जगह-जगह दम घोंटू प्रदूषण का माहौल है. राजधानी दिल्ली और मुंबई में हाल और भी […]
नई दिल्ली. Delhi Pollution : अर्थव्यवस्था को बेहतर स्थिति में लाने के लिए और लगातार देश को विकास के पथ पर बढ़ाने के लिए कई उद्योग धंधे और ट्रांसपोर्ट कार्यरत हैं. ऐसे में स्थिति यह है कि देश भर में जगह-जगह दम घोंटू प्रदूषण का माहौल है. राजधानी दिल्ली और मुंबई में हाल और भी बुरा है. यहाँ की हवा में तो मानों ज़हर ही घुल गया है. इन इंसानी गतिविधियों से होने वाले प्रदूषण खासतौर से कार्बन उत्सर्जन का असर वायुमंडल में सदियों तक रहता है. जिसकी वजह से वैश्विक गर्मी बढ़ रही है. यानी ग्लोबल वार्मिंग. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुद्री जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में इस ग्लोबल वार्मिंग में पराली की जहरीली गैस मिलकर इसे और बढ़ा देती हैं.
हर साल अक्टूबर-नवंबर के दौरान दिल्ली एनसीआर की हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की जाती है, जिसमे पराली का धुंआ बहुत बड़ी बढ़ोतरी करता है. पिछले दो दिनों में पराली जलाने में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे शहर की बिगड़ती हवा में 14 प्रतिशत का योगदान हुआ. अर्थ साइंसेस मिनिस्ट्री की फोरकास्ट बॉडी SAFAR के अनुसार, दिल्ली का AQI 2.5 पीएम के साथ बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है.
SAFAR इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हवा की दिशा अनुकूल है और ऐसे में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही रही हैं, जिससे हवा बहुत खराब हो गई है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो दिनों – 15 और 16 अक्टूबर- में 1,948 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं. 14 अक्टूबर तक 1795 मामले सामने आए थे. पिछले दो दिनों में, पंजाब में 1,089, हरियाणा में 539, उत्तर प्रदेश में 270, राजस्थान में 10 और मध्य प्रदेश में 40 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं.