नई दिल्ली. दादरी की घटना को लेकर प्रसिद्ध साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने भी साहित्य अकादमी सम्मान वापस कर दिया है. एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए वाजपेयी ने कहा कि उन्होंने देश में बढ़ती अहसनशीलता और दादरी जैसी घटनाओं के विरोध में ये सम्मान लौटाने का फैसला किया है.
वाजपेयी ने कहा कि अब समय आ गया है कि लेखकों को कट्टरता के खिलाफ़ एकजुट होकर आवाज़ उठानी चाहिए. लेखक ने सवाल भी किया कि ऐसे संवेदनशील मामले में पीएम नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं
इससे पहले प्रसिद्ध लेखिका और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की भांजी नयनतारा सहगल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर देश की सांस्कृतिक विविधता कायम न रख पाने का आरोप लगाते हुए अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की है.
नयनतारा सहगल को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार वर्ष 1986 में उनके अंग्रेज़ी उपन्यास ‘रिच लाइक अस’ के लिए दिया गया था. सहगल अपने राजनीतिक विचारों को बेबाक तरीके से व्यक्त करने के लिए जानी जाती है.