Rajan Rao on Bharat Bandh- भारत बंद की सफलता ने साबित किया, देश किसानों के साथ

गुरुग्राम. दक्षिण हरियाणा कांग्रेस प्रभारी राजन राव  (Rajan Rao) ने कहा कि 27 अक्तूबर को भारत बंद को मिले अपार जनसमर्थन ने यह साबित कर दिया कि देश किसानों के साथ है। राजन राव  ने कहा कि भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार को किसानों के विरोध का राजनीतिकरण करने के बजाय, उनसे चर्चा करनी […]

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Rajan Rao on Bharat Bandh- भारत बंद की सफलता ने साबित किया, देश किसानों के साथ

Aanchal Pandey

  • September 29, 2021 3:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

गुरुग्राम. दक्षिण हरियाणा कांग्रेस प्रभारी राजन राव  (Rajan Rao) ने कहा कि 27 अक्तूबर को भारत बंद को मिले अपार जनसमर्थन ने यह साबित कर दिया कि देश किसानों के साथ है। राजन राव  ने कहा कि भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार को किसानों के विरोध का राजनीतिकरण करने के बजाय, उनसे चर्चा करनी चाहिए। एक साल से चल रहा किसान अंदोलन केंद्र की किसान विरोधी नितियों के खिलाफ है। केंद्र के साथ साथ राज्य सरकार भी किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार को केवल यात्रियों की असुविधा के बारे में चिंता है, लेकिन किसानों को रहने, खाने, सड़कों पर सोने और अपने खेतों व परिवारों से दूर रहने से होने वाली असुविधा के बारे में कोई चिंता नहीं है।

मनोहर लाल खट्टर और उनके मंत्री सदमे में हैं-राजन राव

मनोहर लाल खट्टर और उनके मंत्री सदमे में हैं। वे किसानों की दुर्दशा के प्रति पूरी तरह उदासीन बने हुए हैं। कई मौकों पर उन्होंने उदासीनता साबित भी कर दी है। प्रदेश की लगभग 45% आबादी कृषि में लगी हुई है, लेकिन प्रदेश सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में दिलचस्पी नहीं ले रही है। देश में किसानों द्वारा हाल ही में बुलाया गया भारत बंद हरियाणा में बहुत सफल रहा, जिसमें 22 में से 17 जिले सड़क और रेलवे परिवहन के साथ पूरी तरह से ठप हो गए। बंद करनाल और अंबाला में विशेष रूप से सफल रहा, जो खुद मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के विधानसभा क्षेत्र हैं। इन दो जिलों में सड़क और रेलवे की आवाजाही के साथ-साथ बाजार बंद रहे। इससे पता चलता है कि अगस्त में प्रदर्शन कर रहे निर्दोष किसानों पर राज्य द्वारा किए गए अकारण लाठीचार्ज से किसान कितने आहत हैं।

राजन राव (Rajan Rao) ने कहा कि यह अब सिर्फ किसान का विरोध नहीं है। हाल ही में हुए भारत बंद ने प्रदर्शित किया है कि ट्रेड यूनियन, बार एसोसिएशन, महिला समितियां, कर्मचारी संगठन आदि भी विरोध करने वाले किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह आंदोलन सरकार की सोच से बहुत बड़ा हो गया है और यह दुनिया के अब तक के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन में से एक है, लेकिन हरियाणा में बहरी और अंधी सरकार किसानों की मांगों को सुनने को तैयार नहीं है।

राजन राव ने राज्य सरकार की कार्य शैली की तीखी आलोचना की

Rajan Rao ने राज्य सरकार की कार्य शैली की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को देश के अन्नादत्तों का अनादर करने व लाठीचार्ज करने के बजाय विरोध करने वाले किसानों के साथ जुड़ना चाहिए और उनकी शिकायतों को सुनना चाहिए साथ ही केंद्र सरकार को भी उन्हें आतंकवादी और हर तरह के नाम से बुलाने के बजाय उनकी मांगों को सुनना चाहिए। लेकिन राज्य और केंद्र दोनों में भाजपा सरकार का अहंकार पूरे चरम पर है क्योंकि वह किसानों की उपेक्षा करती रहती है। जबकि पीएम मोदी ने भारत को “सभी लोकतंत्रों की जननी” होने की बात कही, लेकिन ऐसा लगता है कि वे घर में लोकतंत्र के सही अर्थ की अनदेखी कर रहे हैं।

लोकतंत्र भी संवाद और समावेश का एक रूप है, लेकिन किसानों के साथ संवाद कहां है ? उनकी मांगों को तथाकथित “क्रांतिकारी” कृषि कानूनों में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है जो देश में कृषि का चेहरा बदल देंगे? देश की जनता अब किसी के बहकावे में नहीं आने वाली है। कोविड महामारी, लॉकडाउन, बढ़ती बेरोजगारी, गिरती अर्थव्यवस्था के साथ साथ राज्य और केंद्र सरकार की बेरुखी के कारण उन्हें काफी नुकसान हुआ है और सही समय पर वे उन सभी राजनेताओं को सत्ता से भी हटा देंगे । जो चांद का वादा तो करते हैं लेकिन टीकाकरण भी सही से नहीं कर सकते हैं।

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