नई दिल्ली. मानसून सत्र को शुरू हुए 12 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सदन की कार्यवाही पूरी तरह से ठप है। पेगासस जासूसी केस और किसान आंदोलन जैसे कई मुद्दों पर विपक्ष का विरोध जारी है। संसद के दोनों सदनों में अब तक 107 घंटे में से सिर्फ 18 घंटे की कार्यवाही चल सकी है। इससे करदाताओं के 133 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया।
मानसून सत्र में अब तक करीब 89 घंटे हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। सत्र 13 अगस्त तक चलना है।राज्यसभा की कार्यवाही तय समय का सिर्फ करीब 21% ही चली है, तो लोकसभा की कार्यवाही सिर्फ 13%। लोकसभा 54 घंटें में से 7 घंटे से भी कम समय चली, जबकि राज्यसभा 53 घंटें में से 11 घंटे चली।
हंगामे के चलते मानसून सत्र के दूसरे हफ्ते में सदन की प्रोडक्टिविटी में 13.70% की गिरावट आई है। पहले हफ्ते में ये आंकड़ा 32.20% था।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने समान विचारधारा वाले 14 विपक्षी दलों ने एक 28 जुलाई को बैठक की थी। इसमें सरकार को घेरने की योजना बनाई गई थी। मीटिंग के बाद राहुल ने कहा था कि पेगासस जासूसी केस, महंगाई और किसानों के मुद्दे पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे।