Tokyo Olympic 2020 : टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीतने वाली चीन की भारोत्तोलक झीहुई होऊ से गोल्ड वापस लिया जा सकता है। झीहुई का डोपिंग टेस्ट किया जाएगा और यदि वह इसमें विफल रहती हैं, तो भारतीय भारत्तोलक मीराबाई चानू के रजत पदक को गोल्ड में बदल दिया जाएगा।
नई दिल्ली. टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीतने वाली चीन की भारोत्तोलक झीहुई होऊ से गोल्ड वापस लिया जा सकता है। झीहुई का डोपिंग टेस्ट किया जाएगा और यदि वह इसमें विफल रहती हैं, तो भारतीय भारत्तोलक मीराबाई चानू के रजत पदक को गोल्ड में बदल दिया जाएगा।
मीराबाई चानू जापान से आज दिल्ली के लिए वापसी कर रहीं हैं. वहीं चीन की जजिहू को ओलंपिक आयोजकों ने दोबारा डोप टेस्ट के लिए रुकने के निर्देश दिए हैं. इस डोप टेस्ट को लेकर फिलहाल कोई अधिक जानकारी सामने नहीं आई है. हालांकि सूत्रों के अनुसार ये डोप टेस्ट आज ही किया जा सकता है।
ओलंपिक्स के इतिहास में ऐसा पहले भी हो चुका है जब डोपिंग में फेल होने पर खिलाड़ी का पदक छिन लिया गया और दूसरे नंबर पर रहने वाले खिलाड़ी को दे दिया गया है।
मालूम हो कि भारत की 26 वर्षीय भारोत्तोलक ने शनिवार को टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए पहला रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। टोक्यो इंटरनेशनल फोरम में महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा में अपने चार सफल प्रयासों के दौरान चानू ने कुल 202 किग्रा (स्नैच में 87 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा) उठाया। चीन की झिहुई होउ ने कुल 210 किग्रा के साथ स्वर्ण पदक जीता और एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया, जबकि इंडोनेशिया की विंडी केंटिका आइसा ने कुल 194 किग्रा के साथ कांस्य पदक जीता।