Kanwar Yatra Risk: उत्तराखंड सरकार जहां कांवड़ यात्रा को अनुमति देने पर विचार कर रही है, वहीं एक्सपर्ट ने यात्रा को लेकर चेतावनी दी है। एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच कांवड़ यात्रा सुपरस्प्रेडर इवेंट के रूप में कुंभ मेले से पांच गुना अधिक खतरनाक साबित हो सकती है।
देहरादूून. उत्तराखंड सरकार जहां कांवड़ यात्रा को अनुमति देने पर विचार कर रही है, वहीं एक्सपर्ट ने यात्रा को लेकर चेतावनी दी है। एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच कांवड़ यात्रा सुपरस्प्रेडर इवेंट के रूप में कुंभ मेले से पांच गुना अधिक खतरनाक साबित हो सकती है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, यात्रा में कुंभ मेले की तुलना में कोविड -19 संक्रमण फैलने का जोखिम अधिक है क्योंकि यात्रा करने वाले भक्तों की संख्या कुंभ में शामिल होने वालों की तुलना में काफी अधिक होने की संभावना है। पिछले वर्षों में कांवड़ यात्रा के लिए लोगों की संख्या 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच रही है।
एक्सपर्ट ने क्या कहा
राज्य में कोरोना की स्थिति पर बारिकी से नजर रखने वाले सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज़ फाउंडेशन के अनूप नौटियाल का कहना है कि भले ही कोविड व्यवहार के बारे में मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOPs) लागू की जाती हैं और कांवड़ यात्रा की अनुमति दी जाती है लेकिन एसओपी को लागू करना असंभव होगा। उन्होंने कहा, हमने देखा है कि कुंभ में और हाल ही में जब लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील दी गई और पर्यटक हिल स्टेशनों पर उमड़ पड़े।
नौटियाल ने कहा कि कांवड़ यात्रा कुंभ से कई गुना ज्यादा खतरनाक होगी। 30 दिनों के कुंभ के दौरान आए 70 लाख की तुलना में कांवड़ यात्रा में एक पखवाड़े में लगभग 3 से 4 करोड़ तीर्थयात्री हरिद्वार आएंगे। कांवड़ यात्रा के बाद फैले संक्रमण को राज्य संभाल नहीं पाएगा। इसलिए कोविड -19 की तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए।
मालूम हो कि यूपी सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा की अनुमति देगी। उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले महीने के अंत में यात्रा रद्द कर दी गई थी।
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांवड़ यात्रा पर फैसला पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश से बातचीत के बाद लिया जाएगा क्योंकि ज्यादातर कांवड़ इन्हीं राज्यों से आती हैं। वहीं, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए चार धाम यात्रा पर रोक लगा रखी है। हालांकि, राज्य सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है।