Indian Officials Evacuated From Afghanistan : भारत की अफ़ग़ानिस्तान में अपने लोगों को लेकर चिंता बढ़ रही है। इसी के मद्देनज़र भारतीय प्रशासन ने कंधार में अपने वाणिज्य दूतावास को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है।
नई दिल्ली. भारत की अफ़ग़ानिस्तान में अपने लोगों को लेकर चिंता बढ़ रही है। इसी के मद्देनज़र भारतीय प्रशासन ने कंधार में अपने वाणिज्य दूतावास को अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है।
सूत्रों के मुताबिक अफ़ग़ानिस्तान से क़रीब 50 राजनयिकों और सुरक्षाकर्मियों को दिल्ली वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना एक विशेष विमान भेज रही है। अधिकारियों का कहना है कि एहतियात के तौर पर ये क़दम उठाया गया है, क्योंकि सभी को यह चिंता है कि तालिबान लगातार दक्षिणी शहर कंधार की ओर बढ़ रहा है जो 1990 के दशक में उनका मुख्यालय भी था, ऐसे में अगर तालिबान इस प्रमुख शहर तक पहुँचता है तो अफ़ग़ान सेना के साथ उनकी लड़ाई और उग्र हो सकती है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से ये कहा गया है कि “हमारा उद्देश्य अफ़ग़ानिस्तान में मौजूद भारतीय कर्मियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है और हमें लगता है कि शहरों में अगर लड़ाई हुई तो उससे उनकी जान को ख़तरा होगा।”
मौजूदा समय में, भारत के काबुल स्थित दूतावास और बल्ख़ प्रांत में मज़ारे शरीफ़ स्थित वाणिज्य दूतावास ही चालू हैं। इससे पहले अप्रैल 2020 में, भारत सरकार ने भारत के दो अन्य वाणिज्य दूतावासों (जलालाबाद और हेरात) के संचालन को निलंबित करने का निर्णय लिया था और अपने कर्मचारियों को वापस बुला लिया था। तब विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कोरोना महामारी की वजह से इन लोगों को वापस बुलाया गया है, लेकिन माना जाता है कि सुरक्षा कारणों से ही ये लोग वापस नहीं लौट पाये।
सबसे ज़्यादा खतरा कंधार को लेकर हैं। क्योंकि वहां से बाहर निकलकर, हवाई अड्डे तक पहुँचने के मार्ग बहुत सीमित हैं और तालिबान इसके आसपास के ज़िलों पर क़ब्ज़ा कर चुका है।
मालूम हो कि अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान आक्रामक होता जा रहा है। तालिबान उत्तर अफगानिस्तान के कई जिलों पर कब्जा कर चुका है. अधिकारियों और रिपोर्टों के मुताबिक उत्तरी अफगानिस्तान में तालिबान की जीत से कई देश चिंतित हैं।