‘रोती बहन का फोन सुनकर खोजने लगा था इंटरनेट पर अस्पतालों के नंबर’

नोएडा. दादरी में  गौमांस की अफवाह में मारे गए यूपी के दादरी गांव बिसाढ़ा में मारे गए मौहम्मद अखलाक के बेटे सरताज सैफी ने  डीएनए से बात करते हुए कहा है कि उनके गांव में हिंदू-मु्स्लिम के बीच कभी किसी तरह की कोई लड़ाई नहीं देखी गई है. हालांकि सरताज मानते हैें कि मुज्जफरनगर दंगों […]

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‘रोती बहन का फोन सुनकर खोजने लगा था इंटरनेट पर अस्पतालों के नंबर’

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  • October 3, 2015 9:28 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नोएडा. दादरी में  गौमांस की अफवाह में मारे गए यूपी के दादरी गांव बिसाढ़ा में मारे गए मौहम्मद अखलाक के बेटे सरताज सैफी ने  डीएनए से बात करते हुए कहा है कि उनके गांव में हिंदू-मु्स्लिम के बीच कभी किसी तरह की कोई लड़ाई नहीं देखी गई है. हालांकि सरताज मानते हैें कि मुज्जफरनगर दंगों के बाद वह थोड़े से फिक्रमंद जरुर हुए थे 2007 में भारतीय वायुसेना में तकनीशियन के पद पर तैनात सरताज आज भी घटना वाली रात को याद करके सिहर उठते हैं.
 
सोमवार की रात 10:45 पर बहन ने किया फोन-
उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पीजी कर रहे और चेन्नै में एयरफोर्स में तकनीशियन पद पर तैनात सैफी कहते हैं कि वह सोने जा रहे थे कि रात में उनकी बहन ने उन्हें फोन किया. फोन पर बहन ने रोते हुए अखलाक और छोटे भाई दानिश के बारे में बताया.
 
इंटरनेट पर खोजे अस्पतालों के नंबर –
चेन्नै में तैनात सरताज ने घटना की जानकारी अपने कमांडिग ऑफिसर को देने के बाद सरताज ने इंटरनेट पर जाकर घर के नजदीक के अस्पतालों के नंबर खोजे और उन पर फोन करके एंबूलेंस भेजने को कहा.
 
सरताज कहते हैं कि सभी अस्पतालों ने उनके पिता और भाई के बारे में सुनकर भी एंबूलेंस ना होने की बात कही और उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पाई,  सरताज ने बहन को फोन करके पुलिस को बुलाने की बात कही. हालांकि तब तक पुलिस आती अखलाक की घटना में जान जा चुकी थी और छोटे भाई दानिश की हालत गंभीर थी.
 
फोटो, साभार -डीएनए

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