West Bengal Violence : पश्चिम बंगाल में रविवार को चुनावी नतीजे आने के बाद से हिंसा शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है. खबरों के मुताबिक हिंसा में अब तक 5 लोगों की जान जा चुकी है.
कोलकता. पश्चिम बंगाल में रविवार को चुनावी नतीजे आने के बाद से हिंसा शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस बीजेपी कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है. खबरों के मुताबिक हिंसा में अब तक 5 लोगों की जान जा चुकी है.
भारतीय जनता पार्टी की ओर से मारे गए लोगों के नाम जारी करते हुए कहा गया कि पिछले 24 घण्टों में बीजेपी के 6 कार्यकर्ता मारे गए हैं. जिसमें जगद्दाल, रानाघाट, बेलघाट, सोनारपुर दक्षिण, सीतालकुची और बोलपुर के कार्यकर्ता थे.
कई घरों में तोड़फोड़
जीत के बाद सोशलमीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें डीजे और गुलाल के साथ जीत का जश्न मनाया जा रहा है. इतना ही नहीं हाथ में लाठी डंडों के साथ घरों में तोड़फोड़ भी की जा रही है. चुनाव आयोग के आदेश के बावजूद न सिर्फ जीत का जश्न मनाया जा रहा है बल्कि खुले आम भीड़ लेकर तोड़फोड़ भी साफ देखी जा सकती है.
बीजेपी कार्यालय फूंका
इससे पहले रविवार को नतीजों के बाद आरामबाग स्थित भाजपा कार्यलय में उपद्रवियों ने आग लगा दी थी. भाजपा ने जिसका आरोप टीएमसी पर लगाया था. भाजपा नेता संबित पात्रा और अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर इसका वीडियो शेयर किया.
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी के गुंडों द्वारा भाजपा पार्टी कार्यालयों को जलाया जाना शुरू हो गया है! बेहद निंदनीय! प्रशासन कहां है? लोकतंत्र में जीत या हार जारी रहेगी लेकिन हिंसा.लोकतंत्र की हत्या बंद करो!
राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने रविवार शाम को चुनावी नतीजों के बाद हिंसा को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। दूसरी ओर, हिंसा-आगजनी पर राज्यपाल ने डीजीपी को समन कर गृह सचिव से रिपोर्ट मांगी है। वहीं सीएम ममता बनर्जी ने शांति की अपील की है।
टीएमसी को प्रचंड बहुमत, ममता हारीं
रविवार को चुनावी नतीजे में टीएमसी की बंपर जीत हुई थी. ममता बनर्जी सूबे में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब हुई हैं. टीएमसी के 214 सीटें जीतकर बहुमत हासिल करने बावजूद भी ममता बनर्जी अपनी सीट नहीं बचा सकीं. हालांकि विधायल दल का नेता चुने जाने के बाद उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है.