Covid-19 CT Test: जानिए कोरोना वायरस टेस्ट में सीटी वैल्यू की क्या है भूमिका? सीटी वैल्यू से पता लगता है संक्रमण का स्तर

Covid-19 CT Test: कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नही इसका पता आरटी पीसीआर के जरिए लगाया जाता है। इस टेस्ट से पता लगाया जाता है कि किसी व्यक्ति की सीटी वैल्यू कितनी है। कोविड टेस्ट में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका सीटी वैल्यू की ही होती है। इसी सीटी वैल्यू से व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव या नेगेटिव होने की पुष्टि होती है।

Advertisement
Covid-19 CT Test: जानिए कोरोना वायरस टेस्ट में सीटी वैल्यू की क्या है भूमिका? सीटी वैल्यू से पता लगता है संक्रमण का स्तर

Aanchal Pandey

  • April 29, 2021 3:57 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली/ कोरोना वायरस की दूसरी लहर देशभर में कोरोना बेकाबू हो गया है, इसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। हर दिन हजारों लोगों की जान जा रही हैं। मरीजों को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन, दवाइयों की कमी से जूझना पड़ रहा है। सभी डॉक्टर्स की तरफ से लोगों को यही सलाह दी जा रही है कि यदि कोरोना के थोड़े भी लक्षण दिखे तो कोविड-19 टेस्ट करवा लें। कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है या नही इसका पता आरटी पीसीआर के जरिए लगाया जाता है। इस टेस्ट से पता लगाया जाता है कि किसी व्यक्ति की सीटी वैल्यू कितनी है। कोविड टेस्ट में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका सीटी वैल्यू की ही होती है। इसी सीटी वैल्यू से व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव या नेगेटिव होने की पुष्टि होती है।

बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने आरटी पीसीआर टेस्ट के अंतर्गत पॉजिटिविटी रेट के लिए साइकल थ्रेशोल्ड यानी सीटी वैल्यू में 35 की जगह 24 करने की महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र से सीटी वैल्यू को कम करने का अनुरोध किया था, ताकि मरीजों की कम संख्या सकारात्मक श्रेणी में आ जाए। हालांकि, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया कि उसने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि सीटी वैल्यू को 24 तक करना बिल्कुल सही नहीं है क्योंकि इससे बहुत सारे संक्रामित मरीजों का पता नहीं चल पाएगा और वायरस ओर तेजी से फैलेगा। सीटी वैल्यू थ्रेशोल्ड यह पहचानने में मदद करता है कि कोई मरीज कोविड संक्रमण से पॉजिटिव है या नहीं।

क्या होती है सीटी वैल्यू?
सीटी वैल्यू एक पैमाना है जो किसी कोरोना सैंपल में वायरस की संख्या की जानकारी देती है। सीटी वैल्यू बताता है कि कोई मरीज कोरोना संक्रमण से कितना संक्रमित है और उसकी स्थिति का भी बताता है कि उसकी हालत ज्यादा गंभीरता है या नहीं। सीटी वैल्यू जितनी कम होती है, मरीज उतनी ज्यादा गंभीर हालत में होता है। आरटी पीसीआर टेस्ट में सीटी वैल्यू 35 होने पर मरीज को कोविड संक्रमण से संक्रमित नही माना जाता है। वहीं अगर मरीज के आरटी पीसीआर टेस्ट में सीटी वैल्यू 35 से कम आती है, तो उस मरीज को कोरोना संक्रमित माना जाता है।

क्‍यों जरूरी है सीटी वैल्‍यू?
किसी भी मरीज में सीटी वैल्‍यू का मतलब है कि जिस मरीज की सीटी वैल्‍यू कम होगी उस मरीज में कोरोना संक्रमण का खतरा ज्‍यादा है, जबकि ज्‍यादा सीटी वैल्‍यू वाले मरीजों में संक्रमण का खतरा कम होता है। एक्‍सपर्ट्स और डॉक्‍टर्स का कहना है कि सीटी वैल्‍यू के आधार पर यह तय होता है कि किसी भी मरीज में किस स्‍तर का कोरोना संक्रमण है और उस मरीज का इलाज कैसे करना है। यदि सीटी वैल्‍यू के मानक को ही कम कर दिया जाए तो उससे भी बड़ी समस्‍या खड़ी हो सकती है, क्‍योंकि सीटी वैल्‍यू के मरीजों में नॉवेल कोरोना वायरस के बारे में जानकारी ही नहीं मिल सकेगी। ऐसे मरीजों में संक्रमण के बावजूद भी कोरोना नेगेटिव माना जाएगा।

Corona Case in India : नहीं रुक रही कोरोना की रफ्तार, एक दिन में 3,79,257 नए केस और 3,645 की मौत

Priyanka Chopra on Covid Situation: कोविड संकट पर प्रियंका चोपड़ा ने मांगी मदद, कहा- मेरा घर भारत इस समय घायल है, प्लीज मदद कीजिए

Tags

Advertisement