Oxymeter Covid 19 Information: जानिए पल्स ऑक्सीमीटर को कैसे करते हैं इस्तेमाल? डॉक्टरों के मुताबिक क्या है सही तरीका

Oxymeter Covid 19 Information: प्लस ऑक्सी मीटर एक छोटी सी मशीन होती है, जिसे उंगली पर लगाया जाता है और रीडिंग आती है। इसकी मदद से खून में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल मापा जा सकता है।

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Oxymeter Covid 19 Information: जानिए पल्स ऑक्सीमीटर को कैसे करते हैं इस्तेमाल? डॉक्टरों के मुताबिक क्या है सही तरीका

Aanchal Pandey

  • April 28, 2021 5:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली/ कोरोना वायरस देश में तेजी से फैलता जा रहा है। दिन पर दिन कोरोना की दूसरी लहर लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। राजधानी दिल्ली में हालत बिगड़ते जा रहे है। मरीजों की हालत बिगड़ती जा रही है, अस्पतालों में बेड खत्म होते जा रहे है। लोगों को ऑक्सीजन और दवाइयां नही मिल रही है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है। कोरोना मरीजों का दिन में कम से कम 3-4 बार ऑक्सीजन लेवल चेक करना पड़ता है। ये अनिवार्य भी है। ऐसे में जो लोग अपने घरों में आइसोलेशन में रह रहे हैं उनके लिए पल्स ऑक्सीमीटर सबसे जरूरी है।

क्या होता है पल्स ऑक्सीमीटर

प्लस ऑक्सी मीटर एक छोटी सी मशीन होती है, जिसे उंगली पर लगाया जाता है और रीडिंग आती है। इसकी मदद से खून में ऑक्सीजन का सैचुरेशन लेवल मापा जा सकता है। दरअसल ब्‍लड में ऑक्सीजन के प्रवाह से शरीर के सभी अंगों के सही तरीके से काम करने का पता लगाया जा सकता है। ऐसे में यह डिवाइस शरीर में होने वाले छोटे से छोटे बदलाव को भी पकड़ लेता है।

कितना होना चाहिए ऑक्सीजन लेवल

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, एक स्वस्थ व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल 96 फीसदी होना चाहिए। अगर ऑक्सीजन लेवल 95 फीसदी से कम होता है तो यह खतरा माना जाता है। वहीं, अगर ऑक्सीजन लेवल 90 से कम होता है तो मरीज को तुरंत अस्पताल में लेकर जाना चाहिए।

पल्स ऑक्सीमीटर कैसे करता है काम

पल्स ऑक्सीमीटर त्वचा पर लाइट छोड़ता है और ब्लड सेल्स के मूवमेंट और उनके रंग को डिटेक्ट करता है। ये ब्लड सेल्स के कलर के आधार पर ऑक्सीजन सैचुरेशन को मापता है। एक स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में 96 फीसदी ऑक्सीजन होना चाहिए। अगर आपका ऑक्सीजन लेवल 95 फीसदी से कम जाता है तो ये खतरे की निशानी हो सकता है। अगर आपका ऑक्सीजन लेवल 90 या फिर 93 फीसदी से कम होता है तो मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत है।

किस उंगली में लगाएं पल्स ऑक्सीमीटर

अधिकतर डॉक्टर पल्स ऑक्सीमीटर को हाथ की बीच की या तर्जनी (अंगूठे के पास वाली) उंगली में लगाते हैं। वैसे इसे हाथ या पैर, दोनों में से किसी भी उंगली या अंगूठे में लगाकर ऑक्सीजन लेवल चेक किया जा सकता है।

पल्स ऑक्सीमीटर लगाने के दौरान

जब पल्स ऑक्सीमीटर हाथ की उंगली पर लगा हो, हाथ को स्थिर रखें। उसे बिलकुल भी न हिलाएं क्योंकि इससे रीडिंग पर असर पड़ सकता है। पल्स ऑक्सीमीटर उंगली में लगाने के बाद उसे तब तक न निकालें जब तक रीडिंग आनी स्थिर न हो जाए। पल्स ऑक्सीमीटर लगाने के बाद रीडिंग कभी बढ़ती तो कभी कम होती है। एक समय बाद यह रीडिंग स्थिर हो जाती है। रीडिंग को स्थिर होने में करीब 1 मिनट से 3 मिनट तक का समय लग सकता है।

कैसे करें पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल

पल्स ऑक्सीमीटर रस्सी पर कपड़ों को रोककर रखने वाली क्लिप की तरह होता है, जिसे आप उंगली, कान या पैर के अंगूठे में फंसा सकते हैं। इसके बाद डिवाइस में लगी एक लाइट स्किन के अंदर प्रवेश कर खून में ऑक्सीजन के प्रवाह को डिजिटल स्क्रीन पर दिखाती है। इस पूरी प्रक्रिया में रोगी को किसी तरह के दर्द का सामना भी नहीं करना पड़ता।

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