Fake Remdesivir Injection: इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक शख्स के पास से रेमडेसिविर इंजेक्शन के 16 बॉक्स बरामद किए. एक बॉक्स में 25 वायल थे. वहीं 16 बॉक्स में कुल मिलाकर 400 वायल इंजेक्शन थे.
इंदौर/ इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक शख्स को अपने गिरफ्त में लिया जो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप को इंदौर में बेचने की कोशिश में था. क्राइम ब्रांच ने विनय त्रिवेदी नाम के शख्स को खंडवा रोड से गिरफ्तार किया. आरोपी के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन के 16 बॉक्स बरामद किए गए हैं. एक बॉक्स में 25 वायल थे. वहीं 16 बॉक्स में कुल मिलाकर 400 वायल इंजेक्शन थे.
कालाबाजार के मार्केट में रेमडेसिविर इंजेक्शन की खूब डिमांड है. इस इंजेक्शन को लोग आसानी से असली समझ कर खरीद लेते. आरोपी ने पुलिस की कड़ी पूछताछ में बताया कि इसे हिमाचल प्रदेश से लाया गया है उसी इलाके में यह नकली दवा बन रही है. इस आरोपी का संबंध एक फार्मा कंपनी से भी हैं. आरोप यह भी है कि डॉ. विनय त्रिपाठी इस कंपनी को 2020 से चला रहा है. आरोपी की हिस्ट्री कैसे है इसकी भी जांच की जा रही हैं.
ड्रग कंट्रोलर विभाग इस संबंध में और कई जानकारियां इकट्ठा कर रहा है जैसे यह दवा पहले किस-किस को बेची गयी हैं. ड्रग कंट्रोलर विभाग इसका भी पता लगाने की कोशिश कर रहे है कि क्या रेमडेसिविर इंजेक्शन को बाजार में बेचने से पहले किसी तरह की रिसर्च भी की गई है या नहीं. अब आरोपी से उसके साथियों के बारे में उसके नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जा रही है. संभव है कि इस नकली दवा गैंग से जुड़े कई और लोगों को भी पुलिस गिरफ्तारी करेगी.
गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पूरे देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड बढ़ गई है. इस इंजेक्शन को कोरोना काल में रामबाण माना जा रहा है. भोपाल-इंदौर में इस इंजेक्शन के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी थी. मध्य प्रदेश का इंदौर शहर फिलहाल कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है. पूरे मध्यप्रदेश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले इंदौर में ही सामने आए हैं और इंदौर में ही कोरोना से ही सबसे ज्यादा मौत हुई हैं.