Prashant Kishor Audio: प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में कहा कि अगर हिम्मत है तो बीजेपी पूरी ओडियो क्लिप सामने लाए. मुझे खुशी है बीजेपी के लोग अपने नेताओं से ज्यादा मेरी बातों को गंभीरता से लेते हैं.
नई दिल्ली/ पश्चिम बंगाल में चौथे चरण की वोटिंग जारी है. इसी बीच बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर एक पोस्ट ट्वीट किया था. इस पोस्ट में बंगाल चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनानी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पत्रकारों के एक समूह से ऑडियो पर बातचीत कर रहे थे. उस ऑडियो में प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि बंगाल में बीजेपी जीत रही है. इस ऑडियो के वायरल होने के बाद बंगाल की राजनीति में भूचाल आ गया. इस ऑडियो क्लिप पर बीजेपी के नेता सार्वजनिक तौर पर कहने लगे कि तृणमूल की हार खुद तृणमूल ने स्वीकार कर ली. हालांकि बीजेपी के इस दावे को नकारते हुए प्रशांत किशोर ने अमित मालवीय को करारा जवाब दिया कहा हिम्मत है तो पूरी ऑडियो जारी करें.
प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में कहा कि अगर हिम्मत है तो बीजेपी पूरी ओडियो क्लिप सामने लाए. मुझे खुशी है बीजेपी के लोग अपने नेताओं से ज्यादा मेरी बातों को गंभीरता से लेते हैं. मेरी बातों को काट-छांटकर और पेश कर इतराने वाले बीजेपी के लोगों में इतनी हिम्मत दिखानी चाहिए कि वे मेरी पूरी बातों को सामने लाएं. बीजेपी को लगभग 40% वोट कैसे मिल रहे हैं और ऐसी धारणा क्यों है कि बीजेपी जीत रही है. आगे लिखा कि मैंने पहले भी कई बार कहा है और अब भी कह रहा हूं कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में बीजेपी सौ का आंकड़ा किसी हाल में पार नहीं कर पाएगी.
जानिए क्या कहा था प्रशांत किशोर ने पुराने ऑडियो क्लिप में
प्रशांत किशोर ने ऑडियो क्लिप में कहा- पश्चिम बंगाल में मोदी का एक कल्ट है, जो पूरे देश में बन गया. कई लोगों को मोदी में भगवान दिखता है. खासतौर पर हिंदी भाषी मोदी के सपोर्ट बेस का कोर है. एंटी इंकम्बेंसी स्टेट के खिलाफ है. मोदी पॉपुलर हैं.’ आगे कहा कि वोट मोदी के नाम पर हैं, हिंदू होने के नाम पर है. ध्रुवीकरण, हिंदी भाषी, SC ही चुनाव के फैक्टर हैं. मोदी यहां पॉपुलर हैं. मतुआ समुदाय बड़ी संख्या में बीजेपी के लिए वोट कर रहा है. ऑडियो में कहते सुनाई दे रहे कि बंगाली की राजनीति का इकोसिस्टम मुस्लिम वोटों को हासिल करने का ही रहा है और पहली बार हिंदुओं को लग रहा है कि उनकी बात हो रही है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि तीन ऐसे प्रमुख मुद्दे हैं जो इस चुनाव में बीजेपी को फायदे पहुंचा रहे हैं. पहला ध्रुवीकरण, दूसरा ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ गुस्सा और तीसरा दलित वोट. प्रशांत ने तंज कसते हुए कहा है कि वे ये जानकर खुश हुए कि बीजेपी उनकी बात को अपनी पार्टी के नेताओं से ज्यादा तरजीह देती है.