मुश्किल पिच पर ऋषभ पंत की पारी में धैर्य भी दिखा और आक्रामकता भी  

ऋषभ पंत ने अपनी इस पारी में अपने विकेट के महत्व को समझा। शुरू में उन्होंने अटैकिंग शॉट खेलने से परहेज किया। उन्होंने बहुत सोच समझकर शॉट्स लगाए। एक बार जमने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह पारी उनके एग्रेशन और धैर्य का बहुत अच्छा तालमेल है। हीरे को जितना तराशो, हीरा उतना ही चमकने लगता है।

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मुश्किल पिच पर ऋषभ पंत की पारी में धैर्य भी दिखा और आक्रामकता भी  

Aanchal Pandey

  • March 6, 2021 12:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

ऋषभ पंत ने वास्तव में हर क्रिकेट प्रेमी का दिल जीत लिया। उन्होंने ऐसे समय में उन्होंने सेंचुरी बनाई, जब टीम को इसकी बहुत ज़रूरत थी। वैसे भी इस पिच पर बड़ा स्कोर करना आसान नहीं था। ऋषभ ने अपनी पारी की शुरुआत ही मैच्योरिटी के साथ की। उन्होंने उस समय पारी की कमान सम्भाली जब विराट कोहली, रोहित शर्मा, पुजारा और आजिंक्य रहाणे जैसे टीम के स्थापित बल्लेबाज़ आउट हो गए थे और इंग्लैंड का 205 का स्कोर भी काफी बड़ा लग रहा था।

ऋषभ पंत ने अपनी इस पारी में अपने विकेट के महत्व को समझा। शुरू में उन्होंने अटैकिंग शॉट खेलने से परहेज किया। उन्होंने बहुत सोच समझकर शॉट्स लगाए। एक बार जमने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यह पारी उनके एग्रेशन और धैर्य का बहुत अच्छा तालमेल है। हीरे को जितना तराशो, हीरा उतना ही चमकने लगता है। यही स्थिति ऋषभ पंत की है। इंग्लैंड के कप्तान ने उनके बढ़ते कदमों पर अंकुश लगाने के  लिए नई गेंद ली लेकिन उस पर उनका एग्रेशन ज़बर्दस्त था। एक मुश्किल विकेट, उस पर नई गेंद और सामने एंडरसन जैसा गेंदबाज़ – इन तीनों बातों की ऋषभ पंत ने कोई परवाह नहीं की। टीम का 200 का स्कोर पार करने के बाद उनका हर शॉट टीम को नई ऊंचाई पर ले जा रहा था। यह सब इतना आसान नहीं था।

मुझे खुशी है कि ऋषभ पंत ने एक कैलेंडर वर्ष में 500 से ज़्यादा रन पार कर लिए हैं। यह उनके खेल के प्रति समर्पण और जज़्बे को दिखाता है। यहां तक कि जेम्स एंडरसन ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके सामने कोई बल्लेबाज़ रिवर्स स्वीप से बाउंड्री लगा सकता है। यह दो पीढ़ियों का आमना-सामना था। जब एंडरसन ने इंटरनैशनल क्रिकेट में प्रवेश किया था, तब पंत पांच साल के थे। फिर पंत को छक्का लगाकर सेंचुरी पूरी करते देखना भी अच्छा लगा।

यह बात साबित हो गई है कि जो खिलाड़ी खुद के शॉट्स पर विश्वास रखता हो, ज़रूरत पड़ने पर बल्लेबाज़ी में एग्रेशन दिखाता हो तो मैं समझता हूं कि वह टीम का बहुत बड़ा एसेट है। पंत ने टीम इंडिया के 3-1 से सीरीज़ जीतने की राह दिखा दी है। इस पिच पर तो 50 रन की बढ़त भी भारी पड़ती लेकिन मुझे लगता है कि भारत इस बढ़त को 125 के आसपास ले जा सकता है। वाशिंग्टन सुंदर ने भी बढ़िया बल्लेबाज़ी की। इंग्लैंड को मैच में लौटना है तो उनकी ओर से कम से कम एक सेंचुरी बननी होगी और बाकी बल्लेबाज़ों को भी अच्छी बल्लेबाज़ी करनी होगी। अगर ऐसा न हुआ तो टीम इंडिया तीसरे दिन शाम तक मैच जीतने का माद्दा रखती है।

इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट के फैसले काफी अजीबोगरीब रहे हैं। इस मैच में एक तेज़ गेंदबाज़ को कम खिलाना उन्हें महंगा साबित हुआ। बेन स्टोक्स के पेट में दर्द था। दूसरे, अहमदाबाद में गर्मी भी काफी है। जिस विकेट पर विराट कोहली उछाल लेती गेंद पर और रोहित मूव होती गेंद पर अपने विकेट खो रहे हों, वहां टीम में एक तेज़ गेंदबाज़ को कम खिलाना समझ से परे है। यहां तक कि डॉम बैस को स्पिन लेती पिचों पर नहीं खिलाया गया लेकिन यहां उनकी जगह तेज़ गेंदबाज़ को खिलाया जाता तो इंग्लैंड इस मैच में अच्छी चुनौती रखता।

(लेखक भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं और वह 49 टेस्ट और 94 वनडे खेल चुके हैं)

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