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Ishant Sharma 100 Test Match: ईशांत शर्मा की स्विंग में ज़बर्दस्त विविधता है, उन्हे सौवें टेस्ट के लिए बधाई

इंजरी की वजह से ईशांत कई मौकों पर टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं। मेरा शुरू से मानना रहा है कि एक तेज़ गेंदबाज़ को स्पिनरों या बल्लेबाज़ों की तुलना में इंजरी की सम्भावना ज़्यादा रहती है। उसे बाकियों की तुलना में ज़्यादा कड़ी मेहनत करनी होती है। जब भी ईशांत जैसा तेज़ गेंदबाज़ टीम से बाहर रहता है तो वह अपनी फिटनेस के लिए और भी ज़्यादा कड़ी मेहनत करता है। यह ऐसा समय होता है जब एक खिलाड़ी को क्रिकेट सेजुड़े व्यायाम ज़्यादा करने होते हैं।

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Ishant Sharma 100 Test Match
  • February 23, 2021 3:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

मुझे बहुत खुशी है कि ईशांत शर्मा न्यू मोटेरा के मैदान पर अपने टेस्ट करियर के सौ टेस्ट पूरे करने जा रहे हैं। मैं बतौर तेज़ गेंदबाज़ इस बात का अंदाज़ा लगा सकता हूं कि एक तेज़ गेंदबाज़ का सौ टेस्ट खेलना कितनी बड़ी बात है। बाकी खिलाड़ियों की तुलना में तेज़ गेंदबाज़ का इस मुकाम तक पहुंचना ज़्यादा बड़ा लैंडमार्क है और ऐसा करके ईशांत शर्मा कपिलदेव के बाद इस मुकाम तक पहुंचने वाले दूसरे भारतीय तेज़ गेंदबाज़ बन जाएंगे। ईशांत शर्मा के पूरे करियर को मैं देखूं तो मुझे उनकी सबसे अच्छी बात यह लगती है कि वह नई गेंद का इस्तेमाल बखूबी करते हैं। उनकी लाइन और लेंग्थ.

सटीक रहती है। उनकी स्विंग में काफी विविधता है। इनस्विंग तो उनकी अच्छी है ही, आउटस्विंग भी वह बहुत अच्छी करते हैं। शॉर्टपिच बाउंसर गेंदें कई मौकों पर उनका बड़ा हथियार साबित हुई हैं। लॉर्ड्स टेस्ट इसका बड़ा उदाहरण है, जहां उन्होंने दूसरी पारी में सात विकेट लेकर शॉर्टपिच गेंदों से कहर बरपाया था।

इंजरी की वजह से ईशांत कई मौकों पर टीम से अंदर बाहर होते रहे हैं। मेरा शुरू से मानना रहा है कि एक तेज़ गेंदबाज़ को स्पिनरों या बल्लेबाज़ों की तुलना में इंजरी की सम्भावना ज़्यादा रहती है। उसे बाकियों की तुलना में ज़्यादा कड़ी मेहनत करनी होती है। जब भी ईशांत जैसा तेज़ गेंदबाज़ टीम से बाहर रहता है तो वह अपनी फिटनेस के लिए और भी ज़्यादा कड़ी मेहनत करता है। यह ऐसा समय होता है जब एक खिलाड़ी को क्रिकेट सेजुड़े व्यायाम ज़्यादा करने होते हैं। इस दौरान ऐसा क्रिकेटर अपनी फिटनेस को बनाए रखने के लिए स्थानीय मैच भी खेलता है जिससे वह टीम में कमबैक करने के लिए स्ट्रैंथ जुटा सके। मेरा यह भी मानना है कि ऐसे समय में ऐसे खिलाड़ी की जीत की भूख भी बढ़ जाती है।

कभी-कभी मुझे ईशांत को देखकर पुराने समय के गेंदबाज़ भी याद आते हैं। कभी रमाकांत देसाई अकेले दम पर तेज़ गेंदबाज़ी में पूरा ज़ोर लगाते थे। फिर आबिद अली जैसे मीडियम पेसर आए। फिर कपिल, मैं और मदनलाल आए। मेरी कपिलदेव के साथ जोड़ी काफी चर्चित रही। फिर श्रीनाथ और उनके बाद ज़हीर खान ने मुझे काफी प्रभावित किया। ईशांत शर्मा की गेंदबाज़ी की सबसे बड़ी खासियत विविधतापूर्ण गेंदबाज़ी है। मुझे विश्वास है कि यह खिलाड़ी न्यू मोटेरा के मैदान पर इतिहास रचने के साथ ही अच्छा प्रदर्शन भी करेगा।

(लेखक भारतीय टीम में बतौर तेज़ गेंदबाज़ 39 टेस्ट और 19 वनडे मैच खेल चुके हैं)

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