Amroha Murder Case: अमरोहा का बहुचर्चित बावनखेड़ी कांड में पहली बार आजाद भारत में किसी महिला को फांसी होने जा रही है . मथुरा में स्थित महिला फांसीघर मे अमरोहा की शबनम को फांसी पर लटकाया जाना है . लेकिन शबनम के 12 साल के बेटे मुहम्मद ताज ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपनी मां की फांसी की सजा माफ करने की मांग की
नर्इ दिल्ली/ उत्तर प्रदेश के अमरोहा का बहुचर्चित बावनखेड़ी कांड में पहली बार आजाद भारत में किसी महिला को फांसी होने जा रही है . मथुरा में स्थित महिला फांसीघर मे अमरोहा की शबनम को फांसी पर लटकाया जाना है . लेकिन शबनम के 12 साल के बेटे मुहम्मद ताज ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अपनी मां की फांसी की सजा माफ करने की मांग की है . खैर बता दे कि 14 अप्रैल 2008 को अंधे प्रेम में आकर शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार के सात परिजनों की हत्या की थी . उस वक्त वह दो महीने की गर्भवती भी थी .
शबनम के बेटे मुहम्मद ताज का जन्म जेल में ही हुआ था . उस वक्त मुहम्मद ताज को शबनम के दोस्त उस्मान सैफी ने गोद ले लिया था . आज ताज 12 साल का है . हालांकि कोई भी बच्चा अपनी मां को फांसी लगने की बात सुनेगा तो कुछ भी कर के बचाने के कोशिश जरूर करेगा . तो वहीं ताज को अपनी मां के गुनाहों का अहसास हो गया है . इसलिए ताज ने राष्ट्रपति से मां शबनम को माफ करने की गुहार लगाई है .
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बेटे मुहम्मद ताज को दंपती 15 दिन पहले उसे शबनम से मिलवाने रामपुर जेल ले गया था . वह मां बेटे का मिलन हुआ और शबनम बेटे से मिलकर 40 मिनट तक रोती रही . शबनम ने अपने बेटे को कहा कि ताज तुम पढ़ -लिखकर अच्छा इंसान बनना और छोटे मम्मी पापा का नाम रोशन करना . दंपती के मुताबिक शबनम को अपनी मौत का आभास हो गया था .
शबनम के चाचा -चाची ने जल्द ही फांसी देने की मांग भी की है . शबनम और उसके प्रेमी सलीम की दया याचिका भी राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है . इस फैसले पर शबनम के चाचा-चाची और पड़ोसी बेहद खुश हुए . चाची का कहना है कि उस वक्त अगर हम भी घर पर होते तो हमे भी ये मार डालती . हम तो आधी रात घटना के बाद घर पहुंचे थे . हमें तो खून का बदला खून से ही चाहिए . इसे फांसी जल्द से जल्द दी जाए .