UPSC Civil Services Exam : केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा के उन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने के लिए राजी हो गई है जिन्होंने अक्टूबर 2020 में अपना आखिरी अटेम्प्ट दिया था. बता दें कि पिछली बार केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने से साफ मना कर दिया था
नई दिल्ली : कोरोनाकाल के दौरान यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों को बहुत सी समस्या का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते उनकी परिक्षाओं पर काफी असर देखने को मिला था. इस बीच गुरुवार को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर सामने आयी है. दरअसल, केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा के उन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने के लिए राजी हो गई है जिन्होंने अक्टूबर 2020 में अपना आखिरी अटेम्प्ट दिया था. बता दें कि पिछली बार केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका देने से साफ मना कर दिया था. लेकिन आज केंद्र ने उन अभ्यर्थियों को एक्स्ट्रा चांस देने की मंजूरी दे दी है जिन्होंने साल 2020 में अपना लास्ट अटेम्प्ट दिया था. वहीं केंद्र ने यह भी साफ कर दिया है कि राहत उम्र सीमा से बाहर हो चुके अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका नहीं मिलेगा.
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जानकारी देते हुए कहा है कि सरकार यह राहत सिर्फ एक बार ही देगी. यह फैसला कोविड-19 महामारी के चलते लिया गया है. सिविल सेवा परीक्षा 2021 में इन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका दिया जाएगा. सरकार ने इससे पहले 1 फरवरी को शीर्ष अदालत में कहा था कि वह सिविल सेवा परीक्षा में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गंवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने के पक्ष में नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल दस्तावेज में केंद्र ने कहा कि सिविल सेवा परीक्षा 2021 के दौरान ऐसे अभ्यर्थियों को राहत नहीं दी जाएगी, जिनका आखिरी अटेम्प्ट खत्म नहीं हुआ है या ऐसे उम्मीदवार जोकि विभिन्न श्रेणियों में निर्धारित आयु सीमा को पार कर चुके हैं. इसके अलावा, अन्य कारणों से परीक्षा में शामिल होने के लिये अयोग्य अभ्यर्थियों को भी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में राहत नहीं मिलेगी. केंद्र ने पीठ से यह भी कहा कि यह राहत केवल एक बार के अवसर के तौर पर सीएसई-2021 के लिए ही लागू रहेगी और इसे मिसाल के तौर पर नहीं देखा जाएगा.
वहीं जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने केंद्र से कहा है कि वह यह नोट अतिरिक्त मौके की मांग कर रहे करीब 100 अभ्यर्थियों का पक्ष रख रहे वकीलों को दे दे. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी. साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को इस बारे में अपना जवाब दाखिल करने को कहा है.