RBI Monetary Policy: गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अपनी द्विमासिक समीक्षा बैठक में किसी तरह के ब्याज दरों में बदलाव से इनकार कर दिया है.
नई दिल्ली : हाल ही में साल 2021- 2022 का बजट पेश हुआ है. इस बार भी आम लोगों को बजट से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी आम आदमी के हाथ कुछ नहीं आया. इस बीच गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने अपनी द्विमासिक समीक्षा बैठक में किसी तरह के ब्याज दरों में बदलाव से इनकार कर दिया है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कमेटी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, साल 2021 की शुरुआत में ही आर्थिक वृद्धि को लेकर परिदृश्य सकारात्मक हुआ है और अर्थव्यवस्था पुनरूद्धार के संकेत मजबूत हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि विकास को मजबूत किया जाय. दास ने कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में आ गयी है.
केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिये मौद्रिक नीति में उदार रुख को बरकरार रखा गया है.”
शक्तिकांत दास ने मुद्रास्फीति के बारे में बात करते हुए कहा कि निकट भविष्य में सब्जियों के दाम नरम बने रहने की उम्मीद है. इसको देखते हुए खुदरा मुद्ररस्फीति चालू तिमाही में कम होकर 5.2 प्रतिशत पर आने की संभावना है. वहीं अगले वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में घटकर 4.3 प्रतिशत पर रह सकती है. उन्होंने कहा कि वृद्धि परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और टीकाकरण अभियान से आर्थिक पुनरूद्धार को गति मिलेगी.
वहीं शक्तिकांत दास ने यह भी बताया कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में सुधरकर 10.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार मार्च अंत तक मुद्रास्फीति लक्ष्य की समीक्षा करेगी.