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Covid-19 Vaccination: CSIR-IGIB की स्टडी ने किया खुलासा, स्मोकिंग करने वालों पर कोरोना का प्रभाव कम

Covid-19 Vaccination: देशभर में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरु कर दिया गया है तो वहीं कोरोना पर तरह-तरह की स्टडी सामने आ रही है. इस कड़ी में अब CSIR-IGIB की चौका देने वाली स्टडी सामने आई है.

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Covid-19 Vaccination
  • January 21, 2021 12:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

नई दिल्ली : भारत में कोरोना महामारी का खातमा नए साल में लॉन्च होने वाली वैक्सीन के साथ हो गया है. देशभर में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरु कर दिया गया है तो वहीं कोरोना पर तरह-तरह की स्टडी सामने आ रही है. इस कड़ी में अब CSIR-IGIB की चौका देने वाली स्टडी सामने आई है. दरअसल, CSIR ने अपने 40 लैब के 10,427 कर्मचारियों पर सिरोसर्वे किया. जिसमें 1058 यानी 10 प्रतिशत लोगों में सिरोपोसिटीवीटी मिली. यानी संक्रमित हुए हैं लेकिन इन्हें यह पता नहीं चला, और इनके अंदर एंटीबॉडी पाई गई. इनमें से 346 लोगों में तीन महीने तक एंटीबॉडी ज़्यादा और स्थिर दिखी. वहीं 35 व्यक्तियों के छह महीने में दोबारा नमूने लिये जाने पर एंटीबॉडी के स्तर में तीन महीने की तुलना में थोड़ी गिरावट दिखी. इसके अलावा CSIR-IGIB की स्टडी केतहत ये भी पाया गया कि ‘O’ ब्लडग्रूप वाले लोगों को संक्रमण से कम खतरा हो सकता है, जबकि ‘B’ और ‘AB’ ब्लड ग्रुप वाले लोग जल्दी संक्रमित हो सकते हैं.

बता दें कि CSIR-IGIB की स्टडी में चौका देने वाली बात यह है कि स्टडी में शाकाहारी के साथ साथ धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में संक्रमण का खतरा कम देखने को मिला है. हालांकि वैज्ञानिक इसके पीछे कई अलग कारण बता रहे हैं. जैसे धूम्रपान के कारण एंटीबॉडी जल्दी ख़त्म होना या एंटीबॉडी नहीं बन पाना. फ़्रंटलाइन ड्यूटी वाले लोगों में ज़्यादा प्रभाव जैसी बातें स्टडी में हाईलाइट हुईं हैं. वहीं डॉक्टर अनुराग का कहना है कि “स्टडी में हमने देखा कि जो लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं, फ़्रंटलाइन ड्यूटी पर हैं, उनमें एंटीबोडी ज़्यादा है. हमने ये भी पाया कि जो लोग शाकाहारी हैं और धूम्रपान करते हैं उनमें एंटीबॉडी कम मिली. उन्होंने कहा कि इसका मतलब क्या है सिर्फ़ शोध ही बता पाएगा.”

इसके अलावा IGIB के वैज्ञानिक डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने यह भी बताया कि पूरे देश में फैले हुए हमारे सेंटर्स में, 10 हजार से ज़्यादा लोगों को टेस्ट करके हमने पाया कि लगभग 10 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडी आ चुकी है. ये एक तरह से भारत के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि ये दिखाता है कि सितंबर में 10 करोड़, आज 20-30 करोड़ लोग ऐसे हैं इनमें एंटीबॉडी होगी. और हमारे टेस्ट में 3-6 में हमने देखा की एंटीबॉडी स्टेबल है. उन्होंने कहा कि सरकार वैक्सीन ला चुकी है तो अब धीरे धीरे इतने लोग इकट्ठा हो जाएंगे कि लोगों में कोरोना का संक्रमण फैलना मुश्किल हो जाएगा.

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