Umar Khalid UAPA Case: पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत मुकद्दमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को अनुमति दे दी है.उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के साम्प्रदायिक दंगा मामले में पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन, उमर खालिद, शरजील इमाम आदि लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
नई दिल्ली: जेएनयू के पूर्व छात्र और दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत केस चलाने के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से दिल्ली पुलिस और राज्य की अरविंद केजरीवाल सरकार को अनुमति मिल गई है. उमर खालिद को दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोप में 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया था. आपको बता दें कि यूएपीए के तहत गिरफ्तारी के बाद मुकदमा चलाने के लिए गृह मंत्रालय की अनुमति की जरूरत होती है.
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद उमर खालिद की कडकड़डूमा कोर्ट ने न्यायिक हिरासत 20 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी थी. कोर्ट ने पुलिस को खास तौर पर निर्देश दिए थे कि जेल के अंदर उमर खालिद की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाए साथ ही उमर खालिद को भी कहा था कि वो अपनी सुरक्षा को लेकर जेल प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों में उनका पूरा सहयोग करें. उमर खालिद पहले भी विवादों में रह चुके हैं. खास तौर पर जब जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था तो उस दौरान उमर खालिद का नाम भी जोर-शोर से उठा था.
दिल्ली की स्पेशल सेल के द्वारा कोर्ट में बताया गया कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के साम्प्रदायिक दंगे सोची-समझी साजिश के तहत किए गए थे. कोर्ट को ये भी बताया गया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने इस साजिश की जानकारी 6 मार्च 2020 को सेल को दी थी जिसके बाद सेल ने दंगों की साजिश की अलग से जांच शुरू की. रिपोर्ट के मुताबिक जांच में पाया गया कि उमर खालिद के अलावा बहुत सारे अलग-अलग समूह इस साजिश में शामिल थे. इस मामले में पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन, उमर खालिद, शरजील इमाम आदि लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.