Chhath Puja Kharna 2020: इस दिन होगी खरना पूजा 2020, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Chhath Puja Kharna 2020: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक छठ पूजा के दूसरे दिन खरना का त्योहार मनाया जाता है. खरना के पर्व को लोहंडा भी कहा जाता है. इस वर्ष खरना का त्योहार 19 नवंबर 2020 को मनाया जाएगा. खरना के दिन व्रती को पूरे दिन अन्न जल का त्याग कर उपवास रखना होता है. छठ पूजा का पर्व बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली राज्स्थान समेत विदेशों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.

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Chhath Puja Kharna 2020: इस दिन होगी खरना पूजा 2020, जाने शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Aanchal Pandey

  • September 22, 2020 3:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 years ago

Chhath Puja Kharna 2020: छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है. सूर्य की उपासना का यह अनुपम त्योहार मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है. छठ पूजा बिहार में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है. ये एक ऐसा त्योहार है जो वैदिक काल से चला आ रहा है. यह पर्व बिहार की संस्कृति का झलक दिखलाता है. छठ का त्योहार प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ पूरे विश्व में प्रचलित हो गया है. छठ पूजा सूर्य, उषा, प्रकृति,जल, वायु और उनकी बहन छठी म‌इया को समर्पित है ताकि उन्हें पृथ्वी पर जीवन की देवतायों को बहाल करने के लिए धन्यवाद और कुछ शुभकामनाएं देने का अनुरोध किया जाए.

बता दें कि खरना की पूजा इस वर्ष 19 नवंबर 2020 को मनाई जाएगी. मालूम हो कि छठ पूजा का त्योहार पूरे 4 दिन मनाया जाता है. हर दिन का अपने आप में विशेष स्थान है. हर दिन अलग-अलग विधि से पूजा की जाती है. मान्यता है कि छठ पर्व में सूर्योपासना करने से छठ माई प्रसन्न होती हैं और घर परिवार में सुख शांति व धन धान्य से संपन्न करती हैं

जानें क्या होती है खरना की पूजा

छठ पर्व का दूसरा दिन खरना यानी लोहंडा के नाम से जाना जाता है. यह कार्तिक महीने की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन व्रती पूरे दिन उपवास रखते हैं. इस दिन व्रत रखने वाले व्रती अन्न तो दूर की बात जल तक ग्रहण नहीं करते हैं. शाम को चावल गुड़ और गन्ने के रस का प्रयोग कर खीर बनाई जाती है. खाना बनाने में नमक और चीनी का प्रयोग नहीं किया जाता है। इन्हीं दो चीजों को पुन: सूर्यदेव को नैवैद्य देकर उसी घर में एकान्त करते हैं अर्थात् एकान्त रहकर उसे ग्रहण करते हैं.

बता दें कि खरना के दिन परिवार के सभी सदस्य उस समय घर से बाहर चले जाते हैं ताकी कोई शोर न हो सके. एकान्त से खाते समय व्रती हेतु किसी तरह की आवाज सुनना पर्व के नियमों के विरुद्ध है. पुन: व्रती खाकर अपने सभी परिवार जनों एवं मित्रों-रिश्तेदारों को वही ‘खीर-रोटी’ का प्रसाद खिलाते हैं. इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को ‘खरना’ कहते हैं. चावल का पिठ्ठा व घी लगी रोटी भी प्रसाद के रूप में वितरीत की जाती है. इसके बाद अगले 36 घंटों के लिए व्रती निर्जला व्रत रखते है. मध्य रात्रि को व्रती छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद ठेकुआ बनाती है.

जानें छठ पूजा 2020 शुभ मुहूर्त

इस वर्ष छठ पूजा का त्योहार 20 नवंबर 2020 को मनाया जाएगा.

छठ पूजा के दिन सूर्योदय- 6 बजकर 48 मिनट

छठ पूजा के दिन सूर्यास्त- 5 बजकर 26 मिनट

षष्ठी तिथि का आरंभ 19 नवंबर 2020 को रात 9 बजकर 58 मिनट से होगा.

षष्ठी तिथि की समाप्ति 20 नवंबर 2020 को रात 9 बजकर 29 मिनट पर होगी.

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