Delhi High Court Corona Test: कोर्ट ने फैसले के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसे में जो भी लोग स्वेच्छा से अपनी कोरोना जांच कराना चाहते हैं उनके लिए निजी लैब को प्रतिदिन 2,000 COVID-19 टेस्ट की अनुमति देने के लिए कहा गया है. आदेश में ये भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार के पास प्रतिदिन लगभग 12,000 टेस्ट की क्षमता उपलब्ध है.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया कि राजधानी दिल्ली में आरटी / पीसीआर टेस्ट के लिए स्वेच्छा से जाने वालों के लिए अब से डॉक्टर का पर्चा अनिवार्य नहीं होगा, यही नहीं अगर किसी को शक है कि उसे कोरोना है तो उसकी जांच होगी, फिर चाहे उसमें कोरोना के लक्षण हो या नहीं. कोरोना का पता लगाने के लिए दुनियाभर में आरटी/पीसीआर टेस्ट किया जाता है. जस्टिस हेमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने अपने आदेश में कहा कि कोविड-19 जांच कराने के इच्छुक लोगों को दिल्ली में निवास प्रमाणपत्र के तौर पर अपना आधार कार्ड ले जाना जरूरी होगा साथ ही भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा निर्धारित फॉर्म भरना होगा, जिसके बाद वो अपना कोरोना टेस्ट करवा सकेंगे.
कोर्ट ने फैसले के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसे में जो भी लोग स्वेच्छा से अपनी कोरोना जांच कराना चाहते हैं उनके लिए निजी लैब को प्रतिदिन 2,000 COVID-19 टेस्ट की अनुमति देने के लिए कहा गया है. आदेश में ये भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार के पास प्रतिदिन लगभग 12,000 टेस्ट की क्षमता उपलब्ध है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि राजधानी में कोविड-19 के मामलों में मौजूदा वृद्धि अगले 10-15 दिन में स्थिर हो जाएगी, उन्होंने कहा है कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है, दिल्ली सरकार कोरोना से लड़ने के पर्याप्त इंतजाम कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में कोविड-19 संबंधी मौजूदा स्थिति जून के मुकाबले काफी बेहतर है जब मामलों में तेजी से वृद्धि हुई थी. उन्होंने कहा कि जून में संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी को रोकने में होम आइसोलेशन की नीति कारगर साबित हुई.
https://www.youtube.com/watch?v=i2r5YLcoInQ