Lok sabha monsoon session 2020:संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 11 अध्यादेश ऐसे हैं जिन्हें सदन के सामने विचार में लाया जाएगा. सत्र के दौरान जिन महत्वपूर्ण अध्यादेशों को शामिल किया जाएगा उनमें महामारी रोग संशोधन अध्यादेश-2020, वाणिज्य संवर्धन और सुविधा अध्यादेश 2020, किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 शामिल हैं.
नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच संसद के मानसून सत्र की अधिसूचना जारी हो गई है. संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होगा. मानसून सत्र कई मामलों में अहम है और माना जा रहा है कि मानसून सत्र में विपक्ष कोरोना महामारी, चीन, आर्थिक हालात को लेकर सरकार को चारों तरफ से घेरने की कोशिश करेगा वहीं सरकार की कोशिश होगी कि करीब एक दर्जन लंबित पड़े विधेयक और अध्यादेश को मंजूरी दिलाई जाए. सत्र से 72 घंटे पहले सभी सांसदों की कोरोना जांच करना अनिवार्य होगा. इसके अलावा मंत्रालय के अधिकारियों, मीडिया प्रतिनिधियों और लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारियों सहित संसद भवन परिसर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को सत्र शुरू होने से पहले कोरोना जांच करानी होगी.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 11 अध्यादेश ऐसे हैं जिन्हें सदन के सामने विचार में लाया जाएगा. सत्र के दौरान जिन महत्वपूर्ण अध्यादेशों को शामिल किया जाएगा उनमें महामारी रोग संशोधन अध्यादेश-2020, वाणिज्य संवर्धन और सुविधा अध्यादेश 2020, किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 शामिल हैं.
सत्र के दौरान सांसदों के वेतन और भत्ता संबंधी अध्यादेश को भी लाया जाएगा. इसके अलावा संसद में डेढ़ दर्जन महत्वपूर्ण विधेयक लंबित हैं जिनमें सामाजिक सुरक्षा संहिता 2019, बुजुर्गों के भरण पोषण एवं कल्याण संशोधन विधेयक, व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक 2019, औद्योगिकी संबंध संहिता 2019, पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कामकाजी स्थिति संहिता 2019, कंपनी संशोधन विधेयक 2020 आदि शामिल हैं. दूसरी तरफ विपक्ष, खास तौर पर कांग्रेस कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने का आरोप लगाते हुए सरकार पर हमलावर है.
आज जारी हुए जीडीपी के आंकड़ों ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एक और मौका दे दिया है. इसके अलावा विपक्षी दलों का आरोप है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष की घटना की जानकारी देने के बारे में पारदर्शी तरीका नहीं अपनाया गया जिसको लेकर हंगामा होने के पूरे पूरे आसार हैं.
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