Rahul Gandhi Target PM Modi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मन की बात कार्यक्रम में जेईई-नीट छात्रों की मांग की चर्चा नहीं करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा कि जेईई-नीट के छात्र चाहते थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पर चर्चा करें, लेकिन पीएम खिलौने पर चर्चा करके चले गए. मालूम हो कि जेईई-नीट के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार लगातार कोरोना काल में परीक्षा कराने का विरोध कर रहे हैं.
Rahul Gandhi Target PM Modi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में खिलौने पर चर्चा करने को लेकर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा था कि जेईई-नीट के छात्र चाहते थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पर चर्चा करें, लेकिन वह खिलौने पर चर्चा करके चले गए. दरअसल छात्र लगातार जेईई-नीट परीक्षा को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. छात्रों के समर्थन में अब कांग्रेस समेत कई राजनीतिक पार्टियां भी आ गई हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि जेईई-नीट के उम्मीदवार प्रधानमंत्री से परीक्षा पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन पीएम ने खिलौने पर चर्चा की. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मन की बात कार्यक्रम को लेकर ऐसे समय पर घेरा है जब कोरोना संकट के बीच जेईई-नीट की परीक्षा कराये जाने का विरोध किया जा रहा है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में खिलौने को लेकर महत्वपूर्ण बातें कही थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि मैं मन की बात सुन रहे बच्चों के माता पिता से क्षमा मांगता हूं क्योंकि हो सकता है, उन्हें अब ये मन की बात कार्यक्रम सुनने के बाद खिलौने की नई-नई मांग सुनने को मिले. खिलौने जहां एक्टिविटी बढ़ाने वाले होंते हैं तो वहीं खिलौने हमारी आकांक्षाओं को भी उड़ान देते हैं. खिलौने केवल मन ही नहीं बहलाते, खिलौने मन बनाते भी हैं और मकसद गढ़ते भी हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है. कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं, जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं. भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि वैश्विक टॉय इंडस्ट्री 7 लाख करोड़ से भी अधिक की है. कारोबार इतना बड़ा है, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है. लोकल खिलौनों के लिए हमें वोकल बनना होगा.