Bihar Assembly Elections: नेताओं के दलबदल का सिलसिला सिर्फ आरजेडी और जेडीयू में ही नहीं बल्कि कांग्रेस में भी चल रहा है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के कुछ विधायकों की गतिविधियां संदेहास्पद हैं जिनपर पार्टी की नजर बनी हुई है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, चुनाव से पहले नेताओं का पाला बदलना काफी पहले से चला आ रहा है.
पटना: बिहार चुनाव की सुगबुगाहट के बीच राजनीतिक पार्टियों की सर्गरमियां तेज हो गई है. पिछले दिनों नीतीश कुमार के पूर्व मंत्री श्याम रजक आरजेडी में शामिल हुए थे और अब खबर है कि लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय समेत राजद के तीन विधायक गुरुवार को जदयू में शामिल होंगे. गुरूवार को जेडीयू में शामिल होने वाले नेताओं में राम लखन सिंह यादव के पौत्र और पालीगंज के विधायक जयवर्द्धन यादव तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के बेटे विधायक फराज फातमी शामिल हैं. जदयू नेता दारोगा राय और रामलखन सिंह यादव के जेडीयू में आने को बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं.
नेताओं के दलबदल का सिलसिला सिर्फ आरजेडी और जेडीयू में ही नहीं बल्कि कांग्रेस में भी चल रहा है. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के कुछ विधायकों की गतिविधियां संदेहास्पद हैं जिनपर पार्टी की नजर बनी हुई है. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, चुनाव से पहले नेताओं का पाला बदलना काफी पहले से चला आ रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो गोविंदपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाली पूर्णिमा यादव भी जदयू छोड़कर आई थीं. मनोहर प्रसाद जदयू से आए थे. मनिहारी से कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे.
अनिल कुमार भोरे विधानसभा से पिछला चुनाव कांग्रेसी टिकट पर लड़े थे. वे भी पहले जदयू में थे. वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा से पप्पू सिंह कांग्रेस में शामिल हुए थे. वे पूर्णिया से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे. इस बार भी कई चेहरों के इधर से उधर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे अशोक चौधरी चार विधान पार्षदों संग जदयू में शामिल हो गए थे.