Dadi Dada Foundation Suggestions on Covid19: बुजुर्गों को कोरोना वायरस का काफी खतरा बताया गया है. ऐसे में दादी दादा फाउंडेशन ने बुजुर्गों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कई उपायों के सुझाव दिए हैं.
नई दिल्ली. कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए दादी दादा फाउंडेशन ने बुजुर्गों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के कई उपायों का रविवार को सुझाव दिया. एनजीओ की ओर से इंटरनेट पर वीडियो कॉल के जरिए आयोजित संगोष्ठी में देश भर के कई चिकित्सकों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, आयुर्वेद के डॉक्टरों समेत काफी लोगों ने भाग लिया और वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास उपायों पर चर्चा की और कहा कि बुजुर्गों को विशेष देखभाल की जरूरत है क्योंकि उनके वायरस के चपेट में आने की आशंका ज्यादा होती है.
दादी दादा फाउंडेशन के निदेशक मुनि शंकर ने बताया कि वे अपने सुझावों की एक प्रति विचार-विमर्श के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और नीति आयोग को भेजेंगे. फाउंडेशन के उपाय खासतौर पर बुजुर्गों के लिए हैं जिनमें खतरा ज्यादा है.
आयुर्वेद के मशहूर डॉक्टर श्रीधर अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस की चपेट में आकर भारतीयों के ठीक होने का प्रदर्शन अच्छा है और यह रोज के खाने में प्राकृतिक जड़ी-बूटी शामिल किए जाने का नतीजा भी कहा जा सकता है. खाने में प्राकृतिक औषधियां शामिल करने से लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. हालांकि, प्रतिरोधक क्षमता उम्र बढ़ने के साथ घटती है इसलिए बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की जरूरत है.
डॉक्टर के अनुसार, गला खराब होने पर उन्हें लवनगड़ी वटी और कंठ सुधारक वटी जैसी औषधियां दी जा सकती हैं. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए स्वर्ण वसंत मालती और च्यवनप्राश का इस्तेमाल करना भी बेहतर है. अगर बुखार है तो उस दौरान गिलोय धन वटी, क्षिभुवन किरि रस और सुदर्शन घन वटी लेनी चाहिए और खांसी में महालक्ष्मी विलास रस, स्वस रस, चिंतामणि रस और सीतोपलादी चूरण रस लिया जा सकता है.
वहीं तारा कैंसर फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अंशुमान कुमार ने प्रतिरोधक क्षमता को ‘‘आंतरिक शत्रु” कहा जो विषाणुओं से लड़ता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञ उपेंद्र पांडे ने बताया कि सभी बजुर्गों को अपने परिवार के सदस्यों का भावनात्मक साथ जरूर होना चाहिए.