UP BJP Working Committee New Team: लॉक डाउन के बाद यूपी में बीजेपी कर सकती है बड़े बदलाव, प्रदेश कार्यकारिणी में जुड़ेंगे नए नाम !

UP BJP Working Committee New Team: देश में लॉक डाउन के हटते ही उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर सकती है. दरअसल, यह घोषणा तो चैत्र नवरात्रों के समय ही होनी थी लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर तारीख आगे बढ़ गई.

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UP BJP Working Committee New Team: लॉक डाउन के बाद यूपी में बीजेपी कर सकती है बड़े बदलाव, प्रदेश कार्यकारिणी में जुड़ेंगे नए नाम !

Aanchal Pandey

  • April 12, 2020 9:12 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

लखनऊ. कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर देशभर में लगाए गए लॉक डाउन के हटते ही उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा कर सकती है. दरअसल, यह घोषणा तो चैत्र नवरात्रों के समय ही होनी थी लेकिन कोरोना के चलते तारीख आगे बढ़ गई. साल 2022 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में भाजपा अभी से तैयारियों में जुटने का मन बना रही है. खास बात है कि इस बार सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी प्रदेश कार्यकारिणी की संभावित सूची पर नजर है.

सूत्रों की मानें तो सीएम योगी आदित्यनाथ इस बार प्रदेश कार्यकारिणी में जिन नामों को देखना चाहते हैं उनमें मुख्य रूप से कामेश्वर सिंह, राघवेंद्र सिंह, भूपेश चौबे, ओ पी श्रीवास्तव और भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पद हेतु हर्षवर्धन सिंह का नाम शामिल है. वहीं कयास यह भी हैं कि गोरखपुर निवासी मौजूदा प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ला और प्रदेश प्रवक्ता समीर सिंह के नाम पर सीएम योगी की ओर से हरी झंडी मिलना काफी मुश्किल हो सकती है.

भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, इस बार नई प्रदेश कार्यकारिणी में सबसे बड़ा बदलाव क्षेत्रीय अध्यक्षों में दिखना संभव है. संभावना है कि काशी, अवध, कानपुर और पश्चिम क्षेत्रों के अध्यक्ष बदले जा सकते हैं. दरअसल अवध के अध्यक्ष उपचुनाव में विधायक बन गए हैं. बाकी के तीन क्षेत्रों के अध्यक्ष प्रमोशन पाकर प्रदेश की टीम में स्थान पा सकते हैं. काशी के महेश श्रीवास्तव और कानपुर के अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए जा सकते हैं जबकि पश्चिम केअध्यक्ष अश्वनी त्यागी को प्रदेश महामंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है.

दूसरी ओर एक बात को लेकर प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं में आम सहमति बन गई है कि वर्तमान में जिन पदाधिकारियों को लाभ का कोई दूसरा पद मिल गया है, उन्हें नई टीम में स्थान नहीं दिया जाएगा. यानी कोई भी व्यक्ति दो पद अपने पास नहीं रखेगा. उसकी जगह नए को मौका दिया जाएगा.

सूत्रों की मानें तो भाजपा नेताओं में से कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जो लोग तीन बार या अधिक प्रदेश पदाधिकारी रह चुके हैं उन्हें खुद अपनी इच्छा से पद त्याग कर चुनावी राजनीति में जाना चाहिए जिससे नए कार्यकर्ताओं को पद लेकर काम करने का अवसर मिल सके. फिलहाल लॉक डाउन की वजह से अभी तक मामला ठंडे बस्ते में है जिसपर हालात सुधरने पर ही वापस विचार किया जाएगा.

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