नई दिल्ली. डायरेक्टर लुसिन दुबे ने अरुणा शानबाग के जीवन पर एक प्ले बनाया है. मशहूर भारतीय स्टेज एक्ट्रेस और डायरेक्टर लुसिन दुबे के प्ले का नाम ‘दी गर्ल नेक्स्ट डोर’ है. ये प्ले अरुणा शानबाग की पूरी लाइफ के ऊपर बेस्ड है. इस प्ले में लगभग 18-20 करैक्टर हैं. प्ले को तीन भागों में बांटा गया है, जिसमें शानबाग के जीवन के संघर्षों को दिखाया गया है.
एक अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए इंटरव्यू में लुसिन ने बताया कि यह प्ले भारतीय समाज में स्त्रियों की स्थिति के बारे में भी बताता है. इस प्ले में शानबाग के जीवन के अधिकतर पहलुओं को दिखाया गया है.
क्या हुआ था?
केईएम अस्पताल की डॉग रिसर्च लेबोरेटरी में काम करते हुए, अरुणा की सोहनलाल नाम के एक वार्ड बॉय कहासुनी हुई, जिसकी शिकायत उन्होंने अस्पताल प्रशासन से की. 27 नवंबर 1973 को केईएम हॉस्पिटल के वार्ड ब्वॉय सोहनलाल वाल्मिकी ने जूनियर नर्स अरुणा शानबाग के साथ रेप किया था. इस बात से गुस्साए सोहनलाल ने अरुणा शानबाग के जघन्य अपराध किया. शानबाग की आवाज को दबाने के लिए वाल्मिकी ने कुत्ते के गले में बांधी जाने वाली चेन से उसका गला जोर से बांध दिया जिसकी वजह से शानबाग के दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन की कमी हो गई थी. तब से वे कोमा में थीं और उन्होंने 18 मई 2015 को अंतिम सांस ली थी.