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SC on Omar Abdullah Detention: उमर अब्दुल्ला की PSA एक्ट के तहत नजरबंदी पर सुप्रीम कोर्ट का जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस, बहन सारा ने दाखिल की थी याचिका

SC on Omar Abdullah Detention: जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला की पीएसए एक्ट के तहत नजरबंदी को लेकर बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की चुनौती याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया है.

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SC on Omar Abdullah Detention: Supreme Court issues notice on sara abdullah petition to jammu kashmir administration over former cm omar abdullah detention public safety act
  • February 14, 2020 3:01 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला की बेटी और राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट की पत्नी सारा अब्दुल्ला ने भाई उमर अब्दुल्ला की पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत नजरबंदी के खिलाफ चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की. अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन को नोटिस जारी किया.

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट इसलिए आए हैं क्योंकि उन्हें उस दिन का इंतजार है, जब कश्मीरी नागरिकों को भी भारत के दूसरे नागरिकों के बराबर का अधिकार दिया जाएगा.

जम्मू कश्मीर से नरेंद्र मोदी सरकार के आर्टिकल 370 हटाने के बाद से ही फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत कई अलगाववादी नेता सुरक्षा के मद्देनजर नजरबंद हैं. हाल ही में भाजपा की केंद्र सरकार ने उमर अब्दुल्ला और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती पर पीएसए एक्ट के तहत केस दर्ज किया जिसके आधार पर बिना किसी सबूत उन्हें 3 महीने से 1 साल तक जेल में रखा जा सकता है.

सारा अब्दुल्ला ने 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए उमर अब्दुल्ला की जेके- पीएसए- 1978 एक्ट के तहत हिरासत में लिए जाने को गैरकानूनी बताते हुए कोर्ट को मामले में दखल देकर न्याय करने की अपील की थी. याचिका में कहा गया कि उमर अब्दुल्ला किसी भी हाल में शाषन के लिए खतरा नहीं हो सकते हैं.

बता दें कि 5 अगस्त 2019 को गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने और लद्दाख को केंद्र शाषित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव रखा जो लोकसभा और राज्यसभा में एनडीए की बहुमत के आधार पर पास हो गया. इस मामले में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कश्मीर के लोगों से अधिकार छीनने का आरोप भी लगाया था.

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