JNU Violence: जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जवाहर लाल विश्वविद्यालय में हिंसा के संबंध में पुलिस ने सोमवार को पहली प्राथमिकी दर्ज की है. हिंसा में घायल जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष को एम्स से छुट्टी दे दी गई है. रविवार को कैंपस में हुई हिंसा में घोष को सिर में चोटें आईं थीं. दरअसल रविवार शाम कैंपस में लाठी, डंडों और एसिड से लैस नकाबपोश पुरुषों और महिलाओं के एक समूह ने हिंसा की. जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष के अलावा जेएनयू की प्रोफेसर सुचरिता सेन को भी गंभीर चोटें आईं. उन्हें एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इसके बाद विश्वविद्यालय के गेट के बाहर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा भी बढ़ाई.
नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जवाहर लाल विश्वविद्यालय में हिंसा के संबंध में पुलिस ने सोमवार को एफआईआर दर्ज की है. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, और दंगा करने से संबंधित प्रासंगिक धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. विश्वविद्यालय के अंदर भीड़ की हिंसा के बाद कई छात्र घायल हो गए. अस्पताल में भर्ती 23 छात्रों को छुट्टी दे दी गई है. जिसमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष, जो विश्वविद्यालय में हिंसा में घायल हुए थी को सोमवार को एम्स से छुट्टी दे दी गई है. रविवार को कैंपस में हुई हिंसा में घोष को सिर में चोटें आईं थीं. जेएनयूएसयू ने आरोप लगाया था कि उसे आरएसएस से जुड़े एबीवीपी के सदस्यों ने पत्थर और छड़ से मारा था.
अधिकारियों के साथ सुरक्षा कर्मियों की बड़े पैमाने पर तैनाती के साथ परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को आगे बढ़ाया गया है, केवल वैध आईडी कार्ड वाले छात्रों को अनुमति दी गई. सूत्रों के अनुसार, छात्रावासों, प्रशासन ब्लॉक और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों के बाहर सुरक्षा तैनात की गई थी. मीडिया सहित बाहरी लोगों का प्रवेश भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. दिल्ली पुलिस जेएनयू हिंसा मामले को क्राइम ब्रांच को सौंपने की संभावना है. पुलिस ने रविवार रात जेएनयू कैंपस में छात्रों और शिक्षकों को निशाना बनाने वाले कुछ बदमाशों की पहचान की है.
बता दें कि रविवार शाम कैंपस में लाठी, डंडों और एसिड से लैस नकाबपोश पुरुषों और महिलाओं के एक समूह ने हिंसा की. कथित रूप से नकाबपोश गुंडे, जो एबीवीपी से जुड़े हुए हैं, कैंपस में हिंसा करने, शीशे तोड़ने, हॉस्टल में घुसने और छात्रों और शिक्षकों पर हमला करने का आरोप लगा है. जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष आइशी घोष सहित कम से कम 28 लोग घायल हो गए जिनमें से एक जेएनयू की प्रोफेसर सुचरिता सेन भी थीं. हमला करने वालों ने कैंपस में दो घंटे से ज्यादा समय तक दंगा मचाया.
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