Saphala Ekadashi 2019 Date: सफला एकादशी व्रत 22 दिसंबर को, जानें पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व

Saphala Ekadashi 2019, Saphala Ekadashi Ka Vrat: सफला एकादशी 22 दिसंबर को पड़ रही है. हिंदू धर्म ग्रंथों की मान्यताओं के अनुसार सफला एकादशी का बहुत महत्व होता है. सफला एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं कि आप सफला एकादशी व्रत को कैसे रखें और इस व्रत की पूजा विधि और समय क्या है.

Advertisement
Saphala Ekadashi 2019 Date: सफला एकादशी व्रत 22 दिसंबर को, जानें पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व

Aanchal Pandey

  • December 18, 2019 3:38 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. Saphala Ekadashi 2019Date: हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार हर महीने की एकादशी तिथि का खास महत्व होता है. पौष महीने की कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं. इस बार सफला एकादशी 22 दिसंबर को पड़ रही है. सफला एकादशी का व्रत को काफी महत्वपूर्ण बताया गया है. सफला एकादशी का व्रत रखने से मनुष्य को हर काम में सफलता मिलती है. आइए जानते हैं कि सफला एकादशी का व्रत कैसे किया जाता है और इसकी पूजा विधि क्या है. साथ ही जानेंगे सफला एकादशी की व्रत कथा और उसका महत्व.

पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसी मान्यता है कि सफला एकादशी का व्रत करने से कई पीढ़ियां पाप से मुक्त हो जाती हैं. सफला एकादशी व्रत का खास महत्व है क्योंकि ये व्रत करने से पाप तो दूर होते ही हैं, साथ ही सभी कष्टों और दुखों से छुटकारा भी मिल जाता है. व्यक्ति सभी काम में सफल होता है क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सफला एकादशी सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली एकादशी है. पद्म पुराण में सफला एकादशी का जिक्र भगवान श्री कृष्ण और युधिष्ठर की बातचीत के दौरान मिलता है.

Saphala Ekadashi Time 2019: सफला एकादशी का समय

इस बार सफला एकादशी का व्रत 22 दिसंबर को रखा जाएगा. सफला एकादशी तिथि 21 दिसंबर शाम 5.15 बजे शुरू हो रही है और 22 दिसंबर दोपहर 3.22 बजे यह समाप्त हो जाएगी. वहीं सफला एकादशी व्रत को खोलने का समय 23 दिसंबर सुबह 7.10 बजे से लेकर 9.14 मिनट तक होगा.

ये भी पढ़ें: Mangalwar Ke Totke: मंगलवार का ये उपाय सिर से उतार देगा भारी से भारी कर्ज, बरसेगी बजरंगबली की कृपा

Saphala Ekadashi Significance: सफला एकादशी का महत्व

हिंदू धर्म ग्रंथों में सफला एकादशी का बहुत महत्व है. अपने नाम के अनुसार ही सफला एकादशी व्रत रखने से सभी कार्य पूरे होते हैं और आप सफल होते हैं. पुराणों के अनुसार जो पुण्य हजारों साल तपस्य करने के बाद प्राप्त होता, वह पुण्य सफला एकादशी का व्रत रखने से मिल जाता है. पद्म पुराण के अनुसार एकादशी के महत्व को बताते हुए भगवान श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया कि बड़े-बड़े यज्ञों से उतना मुझे संतोष नहीं मिलता जितना एकादशी व्रत के अनुष्ठान से प्राप्त होता है. सफला एकादशी करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य उत्तम बना रहता है और भगवान लंबी आयु का वरदान देते हैं.

Saphala Ekadashi Puja Vidhi: सफला एकादशी पूजा विधि

सफला एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है. सऱला एकादशी की व्रत रखने वाले व्यक्ति को सबसे पहले सुबह उठकर घर की सफाई करें और नहा लें. इसके बाद घर में भगवान विष्णु की मूर्ति के सामने व्रत संकल्प लें. व्रत रखने वाले व्यक्ति सुबह या शाम में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करें. व्रत में व्यक्ति को सात्विक भोजन ही करना चाहिए और भोजन में नमक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. रात में भगवान विष्णु और नारायण देव का पंचामृत से पूजन करना चाहिए और विष्णु नाम का पाठ करते हुए रात्रि जागरण करना चाहिए. अगले दिन सुबह उठें और पूजा की तैयारी में लग जाएं. भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद प्रसाद चढ़ाएं.

Saphala Ekadashi Vrat: सफला एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार चंपावती नगर में राजा महिष्मत नाम का एक राजा था. राजा के 4 पुत्र थे. इनमें उनका बड़ा पुत्र बहुत ही पापी था. वह पिता के धन को कुकर्मों में नष्ट करता था. एक दिन दुखी होकर राजा ने उसे देश से बाहर निकाल दिया. देश निकाला होने के बाद भी उसकी लूटपाट की आदत नहीं छूटी और वह अब जंगल रहने लगा था. इस दौरान पौष कृष्ण दशमी की रात में उस बहुत ठंड लगी, जिसके कारण वह सो नहीं सका. उसके काफी भूख भी लग रही थी. आधा दिन बीत गया और शाम होते-होते एकादशी की रात को वह भगवान को याद करते-करते सो गया. ऐसे में अनजाने में लुम्पक का सफला एकादशी का व्रत पूरा कर लिया. व्रत पूरा होने के बाद लुम्पक की नियत सुधर गई. उसके पिता ने उसे अपने देश में वापस बुलाकर राज पाठ उन्हें सौंप दिया और खुद राज तपस्या पर निकल गए.

https://www.youtube.com/watch?v=5s-qF8ZkiC8

Margashirsha Purnima 2019: जानिए क्यों खास है मार्गशीर्ष पूर्णिमा की पूर्णमासी, इस दिन व्रत और दान करने मिलता है 32 गुणा लाभ 

Somwar Puja Vidhi: सोमवार को इस विधि से करें शिव भगवान की पूजा, दूर होंगे संकट, खुल जाएगी किस्मत 

Surya Grahan 2019 Effects in India: 26 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण 2019 भारत में मचाएगा तबाही, तूफान और भूकंप आने की है संभावना

Tags

Advertisement