Petition Against Citizenship Amendment Act In SC: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीस पार्टी, जन अधिकार पार्टी और रिहाई मंच ने की याचिका दाखिल, बताया संविधान के खिलाफ

SC Petition Against Citizenship Amendment Act: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को 3 याचिकाएं दाखिल की गईं. पहली याचिका उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दल पीस पार्टी ने दायर की है. इसके बाद रिहाई मंच और सिटीजनस अगेंस्ट हेट NGO ने दूसरी याचिता दाखिल की है और तीसरी याचिका वकील एमएल शर्मा ने भी दायर की है. तीनों याचिकाओं में नागरिकता संशोधन कानून को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया गया है.

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Petition Against Citizenship Amendment Act In SC: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पीस पार्टी, जन अधिकार पार्टी और रिहाई मंच ने की याचिका दाखिल, बताया संविधान के खिलाफ

Aanchal Pandey

  • December 13, 2019 12:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. Petition Against Citizenship Amendment Act In SC: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को 4 याचिकाएं दाखिल की गईं. उत्तर प्रदेश की एक प्रमुख पार्टी पीस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नहीं देता, इसलिए यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 के खिलाफ है और इस कानून से संविधान का उल्लंघन होता. पीस पार्टी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

  1. पीस पार्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि नागरिक संशोधन विधेयक संविधान में वर्णित धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांतों का हनन करता है. याचिका में नागरिकता संशोधन कानून को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है. इससे पहले नागरिक संशोधन विधेयक के खिलाफ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने गुरुवार को याचिका दाखिल की थी, लेकिन विधेयक को राष्ट्रपति से मंजूरी गुरुवार देर रात मिली है, इसलिए यह विधेयक अब कानून बन चुका है.
  2. उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है. रिहाई मंच और सिटीजनस अगेंस्ट हेट NGO ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. रिहाई मंच और सिटीजनस अगेंस्ट हेट ने अपनी याचिका में कहा है कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नहीं देता, इसलिए यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है
  3. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है. वकील एमएल शर्मा ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए नागरिकता संशोधन कानून को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया है. आपको बता दूं कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस हफ्ते पहले लोकसभा और फिर बीते बुधवार को राज्यसभा से पास करा लिया. इसके बाद गुरुवार रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसपर हस्ताक्षर कर दिए, जिसके बाद यह कानून बन गया है.

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