SC Petition Against Citizenship Amendment Act: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को 3 याचिकाएं दाखिल की गईं. पहली याचिका उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दल पीस पार्टी ने दायर की है. इसके बाद रिहाई मंच और सिटीजनस अगेंस्ट हेट NGO ने दूसरी याचिता दाखिल की है और तीसरी याचिका वकील एमएल शर्मा ने भी दायर की है. तीनों याचिकाओं में नागरिकता संशोधन कानून को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया गया है.
नई दिल्ली. Petition Against Citizenship Amendment Act In SC: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को 4 याचिकाएं दाखिल की गईं. उत्तर प्रदेश की एक प्रमुख पार्टी पीस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नहीं देता, इसलिए यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 के खिलाफ है और इस कानून से संविधान का उल्लंघन होता. पीस पार्टी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पहली याचिका दाखिल।"पीस पार्टी"ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।"पीस पार्टी" ने अपनी याचिका में कहा है कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नही देता। ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। @Inkhabar
— Ashish Sinha (@Ashish_sinhaa) December 13, 2019
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल।जन अधिकार पार्टी ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। जन अधिकार पार्टी ने अपनी याचिका में कहा है कि धर्म के आधार पर वर्गीकरण की संविधान इजाजत नही देता। ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। @Inkhabar
— Ashish Sinha (@Ashish_sinhaa) December 13, 2019
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल।
रिहाई मंच और सिटीजनस अगेंस्ट हेट NGO ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की।याचिका में नागरिकता संशोधन कानून को असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की है। @Inkhabar pic.twitter.com/INcl2bjLWB— Ashish Sinha (@Ashish_sinhaa) December 13, 2019