नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दोनों बेटियों ने ‘‘स्पेशल प्रोटेक्शन गार्ड’’ यानि एसपीजी सुरक्षा को छोडऩे का फैसला किया है. मई 2016 तक के लिए एसपीजी सुरक्षा बढ़ाए जाने के फैसले के बाद मनमोहन सिंह की दोनों बेटियों उपिंदर सिंह और दमन सिंह ने ये सुरक्षा हटाए जाने के लिए एसपीजी अधिकारियों से […]
नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दोनों बेटियों ने ‘‘स्पेशल प्रोटेक्शन गार्ड’’ यानि एसपीजी सुरक्षा को छोडऩे का फैसला किया है. मई 2016 तक के लिए एसपीजी सुरक्षा बढ़ाए जाने के फैसले के बाद मनमोहन सिंह की दोनों बेटियों उपिंदर सिंह और दमन सिंह ने ये सुरक्षा हटाए जाने के लिए एसपीजी अधिकारियों से मौखिक रूप से अनुरोध किया है.
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पेशे से लेखिका दमन सिंह की सुरक्षा से एसपीजी कमांडो वापस ले लिए गए हैं और उनकी बहन उपिंदर जो दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं. दोनों की एसपीजी सुरक्षा हटाने की प्रकिया चल रही है और अब उन्हें दिल्ली पुलिस की सुरक्षा दी जाएगी.
एसपीजी का गठन 1988 में संसद के एक कानून से किया गया था. इसकी स्थापना प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों के सदस्यों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए की गई थी.
क्या है एसपीजी का नियम ?
नियमों के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों को पद से हटने के एक साल तक ही एसपीजी सुरक्षा मिल सकती है. लेकिन अगर उन्हें किसी से खतरा है तो आकलन करके ये सुरभा बढ़ाई भी जा सकती है. एसपीजी अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को मिली हुई है.