BJP Parliamentary Party Meeting on CAB: नागरिकता संशोधन विधेयक के राज्यसभा में पेश होने से पहले बीजेपी ने की संसदीय दल की बैठक की. इमें पीएम नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे. कहा जा रहा है कि बैठक के दौरान नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई और पीएम मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे विपक्ष पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है. उन्होंने नागरिकता संशोधन विधेयक को ऐतिहासिक बताया है.
नई दिल्ली. आज राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक 2019, सीएबी पेश होने से पहले संसद में बीजेपी ने संसदीय दल की बैठक की. इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी मौजूद रहे. भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि बैठक के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक एक ऐतिहासिक बिल है. प्रहलाद जोशी ने कहा, नागरिकता संशोधन विधेयक आज दोपहर 12 बजे राज्यसभा में पेश किया जाएगा और इसे राज्सभा में आराम से पारित कर दिया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक धर्म के आधार पर सताए लोगों के लिए सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा. पीएम मोदी ने सभी सांसदों से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में किसानों, व्यापारियों और व्यापारियों के सुझाव लेने और वित्त मंत्री को वह फीडबैक देने को कहा.
बैठक के बाद सूत्रों ने कहा, भाजपा संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि कुछ विपक्षी दल नागरिकता संशोधन बिल पर पाकिस्तान की तरह ही भाषा बोल रहे हैं. संसद पुस्तकालय भवन में बुधवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, आईटी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, विदेश मंत्री एस जयशंकर और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भाजपा के शीर्ष नेताओं में शामिल थे. बैठक में किरण खेर, तेजस्वी सूर्य, जितेंद्र सिंह, राज्यवर्धन सिंह राठौर, साक्षी महाराज, जीवीएल नरसिम्हा राव, रूपा गांगुली और रवि किशन सहित अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया. बैठक में केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी, अर्जुन राम मेघवाल, किरेन रिजिजू, गिरिराज सिंह, हरदीप सिंह पुरी, जितेंद्र सिंह, और संतोष गंगवार उपस्थित थे.
बता दें कि दोपहर दो बजे विधेयक को शाह द्वारा उच्च सदन में पेश किया जाना है. प्रस्तावित कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न से भागकर हिंदू, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रयास करता है और 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश किया. निचले सदन में 80 के मुकाबले 311 मतों के बहुमत से विधेयक पारित किया गया, जहां 391 सदस्य उपस्थित थे और सोमवार को मतदान कर रहे थे. विधेयक को पारित करने के लिए एनडीए को 245 सदस्यीय राज्यसभा में कम से कम 123 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होगी.
Also read, ये भी पढ़ें: Citizenship Amendment Bill 2019: तस्वीरों से जानें क्या है नागरिकता संशोधन बिल, क्यों हो रहा है विरोध, क्या हैं कानूनी अड़चने