Citizenship Amendment Bill in Lok Sabha Updates: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आज संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक यानी सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल पेश करने जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शीतकालीन सत्र के दौरान आज लोकसभा में यह बिल पेश करेंगे. बीजेपी ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को 9 दिसंबर से 12 दिसंबर तक संसद में उपस्थित रहने को कहा है. वहीं कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन बिल का पूरी तरह विरोध करने का फैसला लिया है.
नई दिल्ली. Citizenship Amendment Bill in Lok Sabha Updates: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में थोड़ी देर में नागरिकता संशोधन बिल पेश करने वाले हैं. पिछले हफ्ते ही पीएम नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने इस बिल को मंजूरी दी थी. अब इसे संसद के निम्न सदन में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा. सोनिया गांधी की कांग्रेस पार्टी ने संसद में नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करने का फैसला किया है. कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा है कि वे इस बिल के खिलाफ जी जान से आखिरी दम तक लड़ेंगे. कांग्रेस के साथ ममता बनर्जी की टीएमसी, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम, सीपीआई, सीपीएम, सपा, जदयू जैसी अन्य विपक्षी पार्टियां भी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करेंगी.
बीजेपी ने व्हिप जारी कर सांसदों से सदन में पेश होने के लिए कहा-
भारतीय जनता पार्टी ने व्हिप जारी कर 9 दिसंबर से 12 दिसंबर तक अपने सांसदों को लोकसभा में उपस्थित रहने के लिए कहा है. बीजेपी किसी भी हालत में इस बिल को संसद से पारित करवाना चाहती है इसलिए सदन में किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहती है. विपक्षी पार्टियों के तमाम विरोध के बावजूद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पारित कराने में सफल हो जाएगी. क्योंकि निम्न सदन में बीजेपी नीत एनडीए के पास भारी बहुमत है.
सोनिया गांधी की सांसदों से मुलाकात-
कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को कांग्रेस पार्लियामेंट्री स्ट्रेटेजी ग्रुप के साथ बैठक की. इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, आनंद शर्मा, जयराम रमेश, एके एंटनी, अहमद पटेल और अन्य लोकसभा और राज्यसभा के सांसद शामिल हुए. इस बैठक में फैसला लिया गया कि कांग्रेस संसद में नागरिकता संशोधन का जी जान से विरोध करेगी.
क्या है नागरिकता संशोधन बिल-
नागरिकता संशोधन बिल के जरिए नागरिकता अधिनियम 1955 में बदलाव किया जाएगा. इससे बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नियमों में ढील दी जाएगी. इस बिल में तीनों देशों के मुस्लिम शरणार्थियों को दायरे से बाहर रखा गया है.
पूर्वोत्तर राज्यों में इस बिल का विरोध-
विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ पूर्वोत्तर राज्यों के लोग भी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कर रहे हैं. असम, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश की सीमा बांग्लादेश के पास है. इन राज्यों के लोगों को खतरा है कि नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अवैध तरीके से आ रहे बांग्लादेशी हिंदुओं को नागरिकता मिल जाएगी. जिससे वहां के स्थानीय लोगों की पहचान का संकट आ जाएगा.
पहले भी लोकसभा में पास हो चुका है नागरिकता संशोधन बिल-
पहले कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार ने 2016 में भी इस बिल को लोकसभा में पास कराया था. हालांकि राज्यसभा में बहुमत न होने के चलते यह बिल उच्च सदन में पारित नहीं हो सका. पिछली लोकसभा भंग होने के बाद यह बिल निष्प्रभावी हो गया. अब नए सिरे से मोदी सरकार इस बिल को लोकसभा में लेकर आ रही है.