Chandrayaan 3 Launch Date, India's Next Moon Mission: चंद्रयान 2 की असफलता के बाद इसरो चंद्रयान 3 की तैयारी में जुट गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत का अगला मून मिशन चंद्रयान 3 नवंबर 2020 तक लॉन्च किया जा सकता है. चंद्रयान 2 की तरह मिशन चंद्रयान 3 भी लॉन्च चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. इसमें भी लैंडर और रोवर होगा.
नई दिल्ली. चंद्रयान 2 के बाद अब भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग की तैयारी में जुट गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत का अगला मून मिशन अगले साल 2020 के अंत तक होगा. चंद्रयान 2 की तरह मिशन चंद्रयान 3 भी चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. नवंबर 2020 में चंद्रयान 2 का प्रक्षेपण संभव है. चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग प्रोग्राम पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए इसरो ने एक उच्च स्तरीय कमिटी गठित की है, जिसे विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के डायरेक्टर एस सोमनाथ लीड कर रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसरो ने पीटीआई को जानकारी दी है कि चंद्रयान 3 के लिए गठित कमिटी को 2020 अंत से पहले मिशन को तैयार करने की गाइडलाइन दी गई है. साथ ही इस बार चंद्रयान 2 में आई कमियों को ध्यान में रखते हुए लैंडर, रोवर और लैंडिंग ऑपरेशन्स पर ज्यादा फोकस किया जाएगा.
हालांकि आज तक ने अपने विश्वस्त सूत्रों से जानकारी दी है कि चंद्रयान 3 के प्रक्षेपण में अभी कम से कम 3 साल का समय लगेगा. क्योंकि लैंडर, रोवर और पेलोड्स तैयार करने के लिए तीन साल का वक्त चाहिए. ऐसे में अगले साल ही चंद्रयान 3 का प्रक्षेपण होना असंभव सा लग रहा है. इस रिपोर्ट की मानें तो चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग 2022 के अंत तक होगी.
आपको बता दें कि दो महीने पहले ही इसरो के चंद्रयान 2 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया था. हालांकि 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरने से पहले ही इसरो का चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था. इसके बाद इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर के डायरेक्टर वी नारायण के नेतृत्व में एक राष्ट्र स्तरीय कमिटी का गठन किया था. इस कमिटी ने चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के कारणों का विश्लेषण किया था.
इसरो ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि जांच कमिटी ने मिशन चंद्रयान 2 की असफलता के कारणों का पता लगा लिया है. कमिटी ने पूरी रिपोर्ट तैयार कर भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो को सौंप दी है. प्रधानमंत्री कार्यालय से अनुमति मिलने के बाद इसे सार्वजनिक कर दिया जाएगा.
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