Congress Claims Article 370 Dilution, Congress ne Article 370 ke liye kiya ye daawa: कांग्रेस नेता पवन खेरा ने दावा किया है कि कांग्रेस ने बिना विवाद के 12 बार अनुच्छेद 370 में बदलाव किया है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा ने कहा कि धारा 370 पर पार्टी का रुख बिल्कुल नहीं बदला है, लेकिन भाजपा सरकार द्वारा इसे रद्द करने के तरीके पर आपत्ति जताई जा रही है. खेरा ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जीएसटी को ठीक से लागू नहीं करने का भी आरोप लगाया, कहा कि इससे छोटे व्यापारी, निर्माता और किसान बर्बाद हो गए हैं .
देहरादून. कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि उसने अनुच्छेद 370, जिसने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा दिया उसे बिना किसी विवाद के बारह बार निरस्त कर दिया. देहरादून में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेरा ने कहा, एक या दो बार नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी ने अनुच्छेद 370 को 12 बार के रूप में खत्म किया, लेकिन बिना किसी विवाद को शुरू किए. खेरा ने कहा कि देश के मामलों को बातचीत के साथ निपटाया जाता है और विवादों के माध्यम से नहीं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस तथ्य को समझती है लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा नहीं क्योंकि इसकी पूरी राजनीति विवादों में स्थापित है.
खेरा ने कहा कि धारा 370 पर पार्टी का रुख बिल्कुल नहीं बदला है, लेकिन भाजपा सरकार द्वारा इसे रद्द करने के तरीके पर आपत्ति जताई जा रही है. उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार पर जीएसटी को ठीक से लागू नहीं करने का भी आरोप लगाया, कहा कि इससे छोटे व्यापारी, निर्माता और किसान आज बर्बादी के कगार पर हैं. यह आरोप लगाते हुए कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लगाए गए नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को खराब कर दिया है, उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान लगाए गए इसी तरह के नोटबंदी के कारण प्रधानमंत्री को कोई नुकसान नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि उन दिनों 10,000 रुपये के नोटों का प्रचलन था, जिन पर श्रीमती गांधी के पीएम रहते हुए प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन किसी को बैंकों के बाहर कतार नहीं लगानी पड़ी और न ही कोई विवाद हुआ.
क्षेत्रीय मुक्त व्यापार समझौते पर चिंता व्यक्त करते हुए, खेरा ने कहा कि यदि भारत इस समझौते पर हस्ताक्षर करता है तो यह छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों और छोटे निर्माताओं को बर्बाद कर देगा. अन्यथा, भारतीय बाजारों में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध चीनी सामान, देश के छोटे व्यापारियों को प्रभावित कर रहे हैं. अब सरकार चाहती है कि न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से भी दूध का आयात किया जाए.