सऊदी की इस्राइल को सख्त चेतावनी, अल-अक्सा मस्जिद से रहना दूर

रियाद. सऊदी अरब ने यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद परिसर में नमाजियों पर हुए इस्राइल के जोरदार हमले की कड़ी निंदा की है. अरब न्यूज में छपी एक खबर के मुताबिक सऊदी ने इस्राइल की इस कार्रवाई की शिकायत अमेरिकी प्रेसीडेंट बराक ओबामा, रुस के प्रेसीडेंट ब्लादिमीर पुतिन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन और  संयुक्त राष्ट्र प्रमुख […]

Advertisement
सऊदी की इस्राइल को सख्त चेतावनी, अल-अक्सा मस्जिद से रहना दूर

Admin

  • September 18, 2015 10:28 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
रियाद. सऊदी अरब ने यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद परिसर में नमाजियों पर हुए इस्राइल के जोरदार हमले की कड़ी निंदा की है. अरब न्यूज में छपी एक खबर के मुताबिक सऊदी ने इस्राइल की इस कार्रवाई की शिकायत अमेरिकी प्रेसीडेंट बराक ओबामा, रुस के प्रेसीडेंट ब्लादिमीर पुतिन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन और  संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून से फोन पर की है.
 
सऊदी के किंग सलमान ने यूएन सिक्योरिटी काउंसिल से हिंसा को रोकने, मस्जिद और फिलिस्तीन के नागरिकों को बचाने की मांग की है. किंग ने कहा है कि इस तरह की घटना दुनिया में हिंसा बढ़ा सकती है. सऊदी ने कहा है कि इस्राइल की इस कार्रवाई से मुस्लिमों के तीसरे सबसे बड़े पवित्र स्थल की पवित्रता भंग होती है और यह इंटरनेशनल कानून का भी उल्लंघन है.
 
फलस्तीन को सऊदी का आश्वासन:
किंग सलमान ने फिलिस्तीनी प्रेसीडेंट महमूद अब्बास को आश्वासन दिया है कि वह मस्जिद में हुए हमले को लेकर दुनिया के संपर्क में हैं. सऊदी ने इसके लिए अपने विदेश मंत्री अदेल -अल- जुबेर को निर्देश दिए हैं कि वह अल-अक्सा मस्जिद की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए.
 
क्या है विवाद ?
दरअससल अल-अक्सा, मुस्लिमों का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है. इसे हरम अल शरीफ भी कहा जाता है. यह मस्जिद यहूदियों के लिए भी काफी खास है. यहूदी इसे ‘टेंपल माउंट’ कहकर बुलाते हैं. इसलिए यह स्थान इजरायल व फलस्तीन के लोगों के बीच राजनीतिक व धार्मिक तनावों का स्रोत रहा है और यहां इस तरह की हिंसा की घटनाएं होती रहती हैं. इस्राइल के रक्षामंत्री मोशे यालून ने हाल ही में दो मुस्लिम समूहों को गैर कानूनी करार दिया था, जिनका परिसर में आने वाले यहूदी लोगों से टकराव हुआ था.
 
 
अल-अक्सा तनाव और बढ़ा, धार्मिक युद्ध के खतरे की चेतावनी :
. फिलिस्तीन के एक अधिकारी ने रविवार को चेतावनी दी कि अगर पूर्वी जेरूसलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद परिसर को लेकर तनाव जारी रहा तो यह क्षेत्रीय धार्मिक युद्ध की वजह भी बन सकता है. फिलिस्तीन के न्यायाधीशों के प्रमुख महमूद हब्बाश ने  कहा कि अल अक्सा मस्जिद पर इजरायल के लगातार हमले साफ तौर से इलाके को एक धार्मिक युद्ध की तरफ धकेल रहे हैं.
 
हब्बाश ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अल अक्सा मस्जिद को विभाजित करने की इजरायल की कोशिशों पर तुंरत रोक लगाने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि “इस धर्मस्थल की हिफाजत की जिम्मेदारी अरब जगत और मुसलमानों की है.”
 
हब्बाश ने यह बयान उस वक्त दिया है जब अल-अक्सा मस्जिद परिसर में रविवार को इजरायली पुलिस के दाखिल होने के बाद तनाव बढ़ गया. फिलिस्तीनियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई.
 
फिलिस्तीनी सूत्रों ने बताया कि पुलिस मस्जिद में मौजूद लोगों को बाहर निकालने के लिए उनसे भिड़ गई. मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। सूत्रों ने बताया कि बड़ी संख्या में फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारियां तब हुई जब पुलिस ने यहूदी आबादकारों के एक समूह को मस्जिद क्षेत्र में दाखिल होने से रोकने की कोशिश की.
 
रविवार को तनाव उस समय बढ़ गया जब इजरायल के कृषि मंत्री ओरी एरियल कई यहूदी आबादकारों के साथ अल अक्सा के बरामदे में घुस गए. इजरायल पुलिस की प्रवक्ता ने बताया कि बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी युवक रात भर मस्जिद में रुके रहे. उन्होंने पत्थर-बोतल जमा कर रखे थे. उनकी कोशिश थी कि पुलिस मस्जिद की तरफ जाने वाले दरवाजे को बंद न कर सके. जब पुलिस दरवाजा बंद करने आई तब फिलिस्तीनियों ने उस पर पत्थर फेंके.
 
अल-अक्सा का शुमार इस्लाम के पवित्रतम स्थानों में होता है. इसे हरम अल शरीफ भी कहा जाता है. यहूदियों के लिए भी यह काफी खास है. वे इसे टेंपल माउंट कह कर बुलाते हैं. ताजा विवाद की शुरुआत रविवार को इजरायली नव वर्ष रोश हशानाह के शुरू होने से कुछ पहले हुई.
 
– IANS से भी इनपुट  

 

Tags

Advertisement