ऑस्टिन. अमेरिका में डिजिटल घड़ी बनाकर स्कूल लाने पर गिरफ्तार किए गए अहमद मोहम्मद का कहना है कि इस घटना के बाद उसने अपनी मासूमियत खो दी है. अहमद ने बताया, “मैं अपनी मासूमियत खो चुका हूं. अब दुनिया को देखने का मेरा नजरिया बदल चुका है. मुझे साइंस पसंद है, लेकिन मेरी चमड़ी के रंग के कारण लोग मुझे खतरा समझते हैं.”
अहमद ने क्या कहा
अहमद ने बताया कि मैकआर्थर हाईस्कूल के इंजीनियरिंग टीचर को घड़ी दिखाई तो उन्होंने इसे किसी और को न दिखाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि यह बम जैसा दिखता है. अहमद ने टीचर की सलाह को नजरअंदाज किया और दूसरी टीचर को घड़ी दिखाई. अहमद ने उन पलों को याद करते हुए कहा, “दूसरी टीचर ने कहा कि यह बम जैसा है और उन्होंने पुलिस बुला ली. मुझे हथकड़ी पहनाकर ले जाया गया. उन्होंने मेरे पैरेंट्स को साथ में आने की इजाजत नहीं दी. मुझे ऐसा महसूस हुआ, जैसे मैं कोई अपराधी हूं. मैंने टीचर को इंप्रेस करने के लिए घड़ी बनाई थी लेकिन उन्होंने इसे खतरा समझा. मुझे इसका दुख है कि उन पर मेरा गलत इंप्रेशन पड़ा.”
क्या हुआ था?
अमेरिका राज्य टेक्सास के इरविंग में रहने वाले इस 14 साल के स्टूडेंट को बम बनाने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था. स्कूल प्रोजेक्ट के लिए घर में ही बनाई गई डिजिटल घड़ी को उसकी टीचर ने बम समझा और पुलिस बुला ली. हालांकि, पूछताछ और जांच में कोई सबूत न मिलने पर उसे कुछ देर बाद छोड़ दिया गया.