Aaj Hai Valmiki Jayanti: देशभर में आज शरद पूर्णिमा मनाई जा रही है. आज की दिन हिंदू धर्म के लिए खास है. शरद पूर्णिमा के ही दिन रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ था. इसलिए आज के दिन वाल्मीकि जयंती भी मनाई जाती है. वाल्मीकि संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान थे. वाल्मीकि जयंती के अवसर पर मंदिरों में पूजा और उनकी विशेष आरती उतारी जाती है. इसके अलावा शोभा यात्रा भी निकाली जाती है.
नई दिल्ली. देशभर में आज शरद पूर्णिमा मनाई जा रही है. ये दिन हिंदू धर्म के लिए काफी खास है क्योंकि आज के ही दिन वाल्मीकि जयंती भी मनाई जाती है. महर्षि वाल्मीकि ने रामायण को संस्कृत में लिखा. इसी के चलते महर्षि वाल्मीकि का जन्मदिवस भी पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि वाल्मीकि शुरुआत के दिनों में डाकू थे और वह लूटपाट का काम करते थे. एक बार जब वह लूटपाट करने जा रहे थे तो रास्ते में उन्हें नारद जी मिली. नारद जी ने पूछा कहां जा रहे हो तो वाल्मीकि ने कहा कि मैं अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए लूटपाट करने जा रहा हूं. उसके बाद नारद ने कहा कि ऐसा काम करने से पाप पड़ता है. तो जिस परिवार का लूट कर खर्च चलाते हो उसमें लोगों से पूछो कि तुम्हारे बदले पाप कौन भुगतेगा.
इसके बाद वाल्मीकि अपने परिजनों के पास गए उन्होंने कहा कि मैं लूटपाट कर जो धन आपको देता हूं और उससे खर्च चलता है, लेकिन जब मेरे ऊपर पाप पड़ेगा तो उसे मेरे बदले कौन भुतेगा. वाल्मीकि के इस सवाल के जवाब में सबने यही कहा की पाप तुम करते हो तो मैं क्यों भुगतान करूं. इसके बाद वाल्मीकि की आंखे खुल गईं और फिर उन्होंने लूटपाट और चोरी को छोड़ दिया.
कैसे मनाई जाती है वाल्मीकि जयंती
वाल्मीकि जयंती देशभर में हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाई जाती है. इस मौके पर मंदिर में वाल्मीकि की पूजा और विशेष आरती उतारी जाती है. इसके अलावा शोभा यात्रा निकाली जाती है जिसमें बड़ी लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं. वाल्मीकि जयंती के दिन राम नाम का जप बहुत ही शुभ माना जाता है. इसलिए इस दिन लोग राम का जाप पूरी लगन और श्रद्धा से करते हैं.
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कब है वाल्मीकि जयंती
हर साल वाल्मीकि जयंती शरद पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. इसलिए वाल्मीकि जयंती आज यानी शरद पूर्णिमा के दिन है. इसी दिन महर्षि वाल्मीकि का जन्म हुआ था. आज दिन भगवान राम का नाम लेना काफी शुभ माना जाता है.
शुभ मुहूर्त
वाल्मीकि जयंती 13 अक्टूबर को रात 12 बजकर 36 मिनट से लेकर शुरू होकर 14 अक्टूबर की रात 2 बजकर 3.8 मिनट तक रहेगी. इस दौरान वाल्मीकि की पूजा और आरती करना काफी शुभ है.
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