SC Judge Arun Mishra Bench Next Week Hearing Important Cases: चीफ जस्टिस अरुण मिश्रा की आगुआई में 5 जजों की नई संविधान पीठ का गठन किया गया है. 5 जजों की यह नई संविधान पीठ मंगलवार से भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 24 में मुआवजा भुगतान की अवधि और देरी से संबंधित याचिका, क्या अग्रिम जमानत एक तय अवधि के लिए होनी चाहिए, किसी मामले में आरोपी और जांच करने वाला पुलिस अधिकारी एक ही तो जांच रिपोर्ट की वैधता क्या होगा जैसे अहम मामलों की सुनवाई करेगी.
SC Judge Arun Mishra Bench Next Week Hearing Important Cases: सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई में 5 जजों की नई संविधान पीठ का गठन किया गया है. जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली यह 5 जजों की नई संविधान पीठ मंगलवार से कुछ अहम मामलों की सुनवाई करेगी. यह पीठ जिन अहम मामलों की सुनवाई करेगी उनमें भूमि अधिग्रहण कानून की धारा 24 में मुआवजा भुगतान की अवधि और देरी से संबंधित याचिका. क्या अग्रिम जमानत एक तय अवधि के लिए होनी चाहिए!. किसी मामले में आरोपी और जांच करने वाला पुलिस अधिकारी एक ही हो तो जांच रिपोर्ट की वैधता क्या होगी? जैसे अहम मुद्दे शामिल है.
बता दें कि इन अहम मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिकाओं पर जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली यह पांच जजों की संविधान पीठ सुनवाई करेगी. इस संविधान पीठ में जस्टिस अरुण मिश्रा के अलावा जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत शरण, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस रवीन्द्र भट्ट भी शामिल हैं.
आने वाला अगला हफ्ता काफी सुप्रीम कोर्ट के नजरिए से काफी अहम रहने वाला है. अगले हफ्ते इन सभी मामलों की सुनवाई होगी ही. साथ ही सबसे अहम मुद्दे अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले की भी सुनवाई होगी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले की सुनवाई के लिए डेडलाइन 17 अक्टूबर तय की है. सुप्रीम कोर्ट को उम्मीद है कि सभी पक्ष 17 अक्टूबर 2019 तक अपना पक्ष रख देंगे.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मिसाल पेश करते हुए महाराष्ट्र सरकार को आरे वनों की कटाई से जुड़े मामले पर करारा झटका दिया था. अदालत ने सरकार के आरे वनो की कटाई तुरंत प्रभाव से रोकने का आदेश दिया था. दरअसल जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण का की विशेष पीठ ने पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ एक विधि छात्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा था कि अब कुछ भी न काटें. अदालत ने कहा कि हमें इस पूरे मामले की समीक्षा करनी होगी. मालूम हो कि पर्यावरण संरक्षण से जुड़े कार्यकर्ता और स्थानीय निवासी आरे पेड़ों का काटे जाने का विरोध कर रहे थे. इन प्रदर्शनकारियों को कई बॉलीवुड हस्तियों का भी साथ मिला था.